नीतीश आज सिद्ध करेंगे बहुमत, भीतरघात का भी डर

नीतीश आज सिद्ध करेंगे बहुमत, भीतरघात का भी डर

नीतीश आज सिद्ध करेंगे बहुमत, भीतरघात का भी डर ज़ी मीडिया ब्यूरो
पटना : बिहार में भारतीय जनता पार्टी से अलग हुई नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जनता दल यूनाइटेड की सरकार आज विधानसभा में विश्वास मत प्राप्त करेगी। आंकडे के हिसाब से नीतीश कुमार ने हालांकि चार निर्दलीय विधायकों के समर्थन का जुगाड़ कर लिया है, लेकिन सत्तारुढ़ दल के विधायकों से `भीतरघात` की भी आशंका जताई जा रही है।

सूत्रों के अनुसार सोमवार को जदयू नेताओं के कई बार बुलावे के बावजूद डेहरी ऑन सोन की निर्दलीय विधायक ज्योति रश्मि समर्थन की घोषणा करने वाले चार निर्दलीय विधायकों के साथ मुख्यमंत्री आवास में बुलाई गई बैठक में नहीं गई। इससे कयास लगाए जा रहे हैं कि रश्मि विश्वास मत के खिलाफ जा सकती हैं। वहीं सिकटा के निर्दलीय विधायक दिलीप वर्मा ने भाजपा का साथ देने की घोषणा पहले ही कर दी है।

आंकड़े बताते हैं कि जदयू के 118 सदस्यों के अलावा नीतीश सरकार को चार निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिल रहा है। भाजपा का एक तथा कांग्रेस के चार विधायक नीतीश कुमार के विश्वास प्रस्ताव का प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से समर्थन करेंगे। सूत्रों के अनुसार वोटिंग के दौरान कांग्रेस विधायक मौजूद नहीं रहेंगे। इससे सरकार को फायदा मिलेगा। सरकार को बहुमत के लिए 122 सदस्य का समर्थन चाहिए। लेकिन किसी जेडीयू विधायक के बीमार अथवा नाराजगी के कारण वोट नहीं देने से सरकार के लिए खतरा हो सकता है। ऐसी स्थिति में चार विधायकों वाली कांग्रेस ही सरकार को बचा सकती है। इसलिए जदयू ऐसी स्थिति से बचने के लिए कांग्रेस से समर्थन मांग सकती है।

इस बारे में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी ने कहा कि अभी उनकी पार्टी ने विश्वासमत पर विधानसभा में मतदान के दौरान अपने रूख के बारे में फैसला नहीं लिया है। हालांकि उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी धर्मनिरपेक्ष ताकत को मजबूत करने की पक्षधर है। जेडीयू नेताओं की असली चिंता यह है कि व्हिप जारी होने के बावजूद यदि उसके कुछ सदस्य सदन से नदारद रहे तो गड़बड़ी हो सकती है। इस चिंता का खुलासा सोमवार को उस समय हुआ जब एनडीए से अलग होने के बाद विधानसभा में बहुमत साबित करने की मशक्कत में जुटे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि बहुमत साबित नहीं कर पाए तो हम विधानसभा भंग करने की सिफारिश करेंगे।

विधानसभा के अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने बातचीत में कहा कि प्रस्ताव पर चर्चा के लिए 11 बजे से दोपहर दो बजे तक का समय निर्धारित है। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर सदन की अवधि का विस्तार किया जा सकता है। चौधरी ने कहा कि सदन की कार्यवाही का दूरदर्शन और विधानसभा के वेबसाइट पर सीधा प्रसारण किया जाएगा ताकि देश और दुनियां के लोग इस महत्वपूर्ण घटना को देख सकें। उन्होंने सभी सदस्यों से इस लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करने में सहयोग देने की भी अपील की।

बिहार विधानसभा का गणित
243 सदस्यीय विधानसभा में जदयू के 118, भाजपा के 91, राजद के 22, कांग्रेस के 4, लोजपा का एक और 6 निर्दलीय विधायक हैं। बहुमत के जादुई आंकड़े के लिए 122 विधायक चाहिए। नीतीश की नजर 6 निर्दलीयों पर है। दो निर्दलीय विधायक पवन जायसवाल और सोमप्रकाश पहले ही नीतीश को समर्थन देने की घोषणा कर चुके हैं। कांग्रेस विधायक वोटिंग में शामिल नहीं होंगे ऐसी खबर है। इससे परोक्ष रूप से नीतीश को फायदा मिल सकता है।

First Published: Wednesday, June 19, 2013, 08:57

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