Last Updated: Wednesday, January 23, 2013, 17:42
आजमगढ़ : ‘देर आयद दुरुस्त आयद’ की कहावत चरितार्थ करते हुए उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिला प्रशासन ने आजाद हिंद फौज में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के अंगरक्षक तथा वाहन चालक रहे ‘कर्नल’ निजामुद्दीन को आजादी के 65 साल बाद स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा देने का फैसला किया है।
जिलाधिकारी प्रांजल यादव ने आज ‘नेताजी’ की जयन्ती के मौके पर आयोजित समारोह में 111 वर्षीय निजामुद्दीन को सम्मानित करने के बाद पूछे गए सवाल पर कहा कि निजामुद्दीन के पास मौजूद साक्ष्य उन्हें स्वतंत्रता सेनानी घोषित करने के लिये पर्याप्त हैं। उन्होंने कहा कि कुछ जरूरी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद निजामुद्दीन को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा दे दिया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक, आजमगढ़ जिले के मुबारकपुर क्षेत्र स्थित ढकवा गांव में वर्ष 1901 में जन्मे निजामुद्दीन उर्फ सैफुद्दीन शेख के पिता इमाम अली सिंगापुर में कैंटीन चलाते थे। लगभग 25 साल की उम्र में निजामुद्दीन सिंगापुर जाकर अपने पिता के काम में हाथ बंटाने लगे थे।
उन्होंने बताया कि इसी दौरान नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने सिंगापुर में आजाद हिंद फौज में नौजवानों की भर्ती का ऐलान किया तो निजामुद्दीन उसमें शामिल हो गये। उनकी ईमानदारी, निष्ठा और कर्मठता से प्रभावित हुए नेताजी ने उन्हें अपना निजी अंगरक्षक तथा वाहन चालक बना लिया था। निजामुद्दीन ने करीब 10 वर्षों तक नेताजी की सेवा की थी। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, January 23, 2013, 17:33