Last Updated: Monday, January 23, 2012, 14:02
कोलकाता : नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 116वीं जयंती पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण को लेकर उठे विवाद को टालते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को मुख्य समारोह में राज भवन के पास नेताजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण के लिए विपक्षी वाम नेताओं को आमंत्रित किया।
परंपरा के अनुसार सबसे पहले नेताजी की प्रतिमा पर मुख्यमंत्री द्वारा माल्यार्पण किया जाता है और उसके बाद सरकार के मंत्री और विपक्ष के नेता माला पहनाते हैं और इस दिन को ‘देशप्रण दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।
केंद्रीय नेताजी जन्मोत्सव समिति इस बात से नाराज थी कि नेताजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने वालों की सूची में उसका नाम नहीं है। इसके अध्यक्ष फॉरवर्ड ब्लॉक के वरिष्ठ नेता अशोक घोष हैं। शनिवार को वाम मोर्चा की बैठक में भी इस मुद्दे को उठाया गया।
मुख्यमंत्री कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने के बाद मंच पर जाने के बजाय दर्शकों के बीच बैठ गयीं। इसके बाद प्रतिमा पर माल्यार्पण के लिए अशोक घोष, उनके बाद वाम मोर्चा के अध्यक्ष विमान बोस, भाकपा नेता मंजू कुमार मजूमदार और आरएसपी नेता क्षिति गोस्वामी व मनोज भट्टाचार्य को आमंत्रित किया गया और उन्होंने एक एक करके पुष्पमाला पहनाईं। इसके बाद तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने नेताजी की प्रतिमा पर माला चढ़ाई और मुख्यमंत्री ने सबसे आखिर में माल्यार्पण किया। इस मौके पर पहली बार कोलकाता पुलिस ने परेड निकाली।
मुख्यमंत्री ने कहा, नेताजी हम सभी के हैं। पहली बार कोलकाता पुलिस ने नेताजी की जयंती पर उनके सम्मान में परेड निकाली। वाम मोर्चा अध्यक्ष ने सरकार के रुख पर कार्यक्रम के बाद कहा, यह राजनीतिक रुख विवाद की वजह से हुआ। यह नम्रता पहले दिखाई जानी चाहिए थी। लेकिन हम खुश हैं। इससे पहले बोस और घोष ने मुख्यमंत्री का अभिवादन किया। (एजेंसी)
First Published: Monday, January 23, 2012, 19:32