Last Updated: Wednesday, May 16, 2012, 07:31
लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्ववर्ती बसपा सरकार के शासनकाल में नोएडा में किसानों की जमीन अधिगृहीत करके 150 फार्म हाउसों के लिए आवंटित करने के मामले में करोडों रुपये के घोटाले की आशंका के मद्देनजर प्राधिकरण के अध्यक्ष राकेश बहादुर को जांच के निर्देश दिये है। वहीं, उ राकेश बहादुर को नोएडा में ग्रीन बेल्ट पर 54 करोड़ रुपये के अधिक निवेश से दलित प्रेरणा स्थल विकसित किये जाने और बाद में अदालत के आदेश पर उसको ढहाये जाने पर हुए लगभग पांच करोड रुपये के व्यय में हुई गडबडियों तथा नोएडा में गंगा जल वितरण योजना के क्रियान्वयन में हुई अनियमितताओं की भी जांच के आदेश दिये है।
औद्योगिक विकास आयुक्त कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि फार्महाउस के आवंटन में नियमों की अनदेखी करके करोड़ों रुपये का घोटाले की जांच के निर्देश नोएडा के मुख्य अधिशासी अधिकारी संजीव शरण की प्रारंभिक रिपोर्ट पर दी गयी है। अधिकारी के अनुसार, बसपा राज में लगभग एक दर्जन गांवों की कृषि भूमि औद्योगिक विकास के नाम पर अधिगृहीत की गयी थी, जिसे दस हजार वर्गमीटर क्षेत्र के फार्म हाउस बनाने के लिए 29 प्रभावशाली लोगो और 120 कंपनियों को बहुत सस्ते दर आवंटित कर दिया गया था।
यह बताते हुए कि किसानों की जमीन सस्ते दामों पर औद्योगिक विकास के नाम पर खरीद कर उसे फार्म हाउस बनाने के लिए आवंटित कर दिये जाने के इस मामले में सरकारी खजाने को लगभग 145 करोड रुपये की चोट दिये गये होने की आशंका है, उन्होंने बताया कि नोएडा के अध्यक्ष राकेश बहादुर से एक हफ्ते के भीतर इस प्रकरण की जांच करके रिपोर्ट देने की अपेक्षा की गई है।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, May 17, 2012, 01:01