Last Updated: Monday, July 9, 2012, 17:46

प्रमोद राघवन , ज़ी न्यूज ब्यूरो
कर्नाटक को पिछले 60 साल में अब तक 28 मुख्यमंत्री मिल चुके है और ये रिकॉर्ड है कि अभी तक कोई अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया है। पिछले 18 सालों में तो कर्नाटक में 8 मुख्यमंत्री बदल चुके है और अब बारी नौवें मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टर की है
खास बात यह है कि पिछले 18 सालो में एक भी मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल तक पूरा नहीं कर पाया। यह सिलसिला 1994 से शुरू हुआ था। कर्नाटक में पिछले चार वर्षों में भाजपा के तीसरे मुख्यमंत्री बनने जा रहे जगदीश शेट्टर पेशे से वकील है। हालांकि राजनीति में आने के बाद उन्होंने वकालत करना छोड़ दिया।
हुबली से शेट्टर का राजनीतिक सफर शुरू हुआ था अब प्रदेश के मुखिया बनने जा रहे हैं। जगदीश शेट्टर का राजनीतिक जीवन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यकर्ता के तौर पर शुरू हुआ था। 57 साल के जगदीश शेट्टर कर्नाटक के सबसे शक्तिशाली माने जाने वाले लिंगायत समुदाय से आते हैं। इसी समुदाय से बी एस येदियुरप्पा भी आते है। राज्य की 6.5 करोड़ की आबादी में इस समुदाय की आबादी 17 फीसदी है और उत्तरी कर्नाटक में इस समुदाय की अच्छी-खासी मौजूदगी है। 2005 शेट्टर कर्नाटक बीजेपी के अध्यक्ष बने। शेट्टर लगतार चार बार से विधायक है और करीब 17 साल से राजनीति में सक्रिय है।
जगदीश शेट्टर आज जिस लिंगायत समुदाय का नेता होने की वजह उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी मिली है, उसी वजह से एक साल पहले वह मुख्यमंत्री बनने से चूक गए थे। क्योंकि तब बी एस येदियुरप्पा नहीं चाहते थे कि लिंगायत समुदाय से उनके अलावा कोई दूसरा नेता आगे बढे। यही वजह थी कि मई 2008 में सत्ता संभालने के बाद येदियुरप्पा ने शेट्टर को अपने कैबिनेट में शामिल न करके उन्हें कर्नाटक विधानसभा का अध्यक्ष बनवा दिया था। 2009 में जब रेड्डी बंधुओं ने बगावत का झंडा बुलंद करके शेट्टर को मुख्यमंत्री बनवाने की मुहिम चलाई थी तो येदियुरप्पा ने उनसे समझौता करके शेट्टर को अपने मंत्रिमंडल मे शामिल कर लिया था। तब से शेट्टर ग्रामीण विकास मंत्री का पद संभाल रहे हैं।
पिछले साल 31 जुलाई को जब मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद इस्तीफा दिया था तो मुख्यमंत्री के तौर पर अंनत कुमार खेमे से जगदीश शेट्टर का नाम सबसे ऊपर था लेकिन लिंगायत समुदाय से ही ताल्लुक रखने वाले येदियुरप्पा को डर था कि शेट्टर के मुख्यमंत्री बनने के बाद समुदाय में उनका कद छोटा न हो जाए। इस तरह येदियुरप्पा ने राज्य के एक और शक्तिशाली समुदाय वोक्कालिगा समाज से आने वाले नेता सदानंद गौड़ा को मुख्यमंत्री बनवा दिया।
जगदीश शेट्टर वाणिज्य और कानून विषय में स्नातक है और करीब 20 वर्षों तक शेट्टर ने वकालत भी की है। लगातार चार बार से विधानसभा के सदस्य शेट्टर का परिवार पुराने समय से भाजपा समर्थक रहा है। जगदीश शेट्टर के पिता शिवप्पा शिवमूर्थप्पा उत्तरी कर्नाटक के हुबली धारवाड़ शहर के मेयर रह चुके हैं।
जगदीश शेट्टर के पिता की यह उपलब्धि है कि दक्षिण भारत में जनसंघ के वो पहले मेयर थे। शेट्टर पहली बार 1994 में हुबली ग्रामीण सीट से विधानसभा के लिए चुने गए थे और उसके बाद से अभी तक यह सीट उन्होंने अपने नाम बरकरार रखी है। जगदीश शेट्टर के लिए कर्नाटक के मुख्यमंत्री की कुर्सी किसी कांटो से भरे ताज से कम नहीं है क्योंकि कर्नाटक विधानसभा का कार्यकाल अगले साल मई में खत्म हो रहा है। ऐसे में मुख्यमंत्री के तौर पर जगदीश शेट्टर को जनता के बीच काम करने का काफी कम समय मिलेगा। क्योंकि कुछ समय बाद से चुनाव की तैयारियां शुरू हो जायेगी। ऐसे में जगदीश शेट्टर के उपर न केवल सदानंद गौड़ा के तर्ज पर साफ सुथरे कार्यकाल की जिम्मेदारी होगी बल्कि पार्टी हाईकमान ये भी चाहेगा कि अगल चुनाव से पहले पार्टी की जो गत पिछले कुछ महीने मे हुई है और जो किरकिरी हुई है वो दाग धुले और पार्टी की छबि साफ सुथरी बने। हालांकि ये उतना आसान नहीं है जितना दिख रहा है।
First Published: Monday, July 9, 2012, 17:46