Last Updated: Monday, May 21, 2012, 10:08
पटना: राजधानी पटना स्थित एक स्थानीय अदालत में हत्या के 26 वर्ष पुराने एक कांड में बिहार पुलिस की लापरवाही सामने आयी है, जिसमें अलग अलग समय में पहले आरोपी को मृत करार दिया गया और बाद में उसे गिरफ्तार कर अदालत के समक्ष पेश किया गया।
पटना के मसौढ़ी थाना क्षेत्र में 20 जून 1986 को रामध्यान चौधरी की हत्या के मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-9 बीएन सिंह की अदालत में चल रही है। इस मामले में आरोपी पलक सिंह को पहले 2011 में मृत घोषित कर चुकी पुलिस ने सात मई 2012 को उसे गिरफ्तार कर अदालत के सामने पेश किया। पुलिस की लापरवाही के कारण यह मामला काफी समय से लंबित है।
मसौढ़ी थाना क्षेत्र में 20 जून 1986 को रामध्यान चौधरी की हत्या कर दी गयी थी। आठ नवंबर 1990 को स्थानीय अदालत ने आरोप तय किये। इस मामले में आरोपी पलक सिंह बाद में फरार हो गया। अदालत में यह मामला आरोपी की उपस्थिति को लेकर लंबित हो गया। इस मामले में गैर जमानती वारंट भी जारी किये गये लेकिन पुलिस आरोपी को गिरफ्तार भी नहीं कर सकी और वारंट तामील नहीं करने का कारण भी नहीं बताया।
अदालत ने बाद में एसएसपी के माध्यम से मसौढ़ी के थाना अध्यक्ष को 22 सितंबर 2011 को कारण बताओ नोटिस जारी किया जिसके जवाब में 28 सितंबर 2011 को स्थानीय अवर निरीक्षक गणपत मिश्रा ने अदालत को जवाब दिया कि अधिक उम्र हो जाने के कारण पलक सिंह की मौत हो गयी है।
बाद में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-9 बीके सिंह की अदालत ने पलक सिंह को जब 19 मार्च 2012 को भगोड़ा घोषित किया तो पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सात मई 2012 को आरोपी को गिरफ्तार कर अदालत के समक्ष पेश किया।
(एजेंसी)
First Published: Monday, May 21, 2012, 15:39