Last Updated: Wednesday, January 16, 2013, 19:48

कोलकाता : पुरी के शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वती ने आज कहा कि देश में बलात्कार की घटनाओं में वृद्धि के लिए पाश्चात्य प्रभाव मुख्य कारणों में से एक है।
शंकराचार्य ने यहां कहा कि पाश्चात्य प्रभाव- फिल्म, क्लब संस्कृति और मादक पदार्थ ने देश के पुराने मूल्यों और सिद्धांतों को नष्ट कर दिया है। इसे बदलने की आवश्यकता है। स्वतंत्रता से पहले हम अपनी संस्कृति एवं मूल्य बरकरार रखने में सक्षम थे लेकिन गत 65 वर्षों में हमने उसमें से काफी कुछ खो दिया है। उन्होंने कहा, ‘ऐसी वीभत्स घटना (दिल्ली गैंगरेप) अचानक नहीं होती। ये तब होती है जब संस्कृति और मूल्यों की पतली रेखा सभ्यता और विकास के नाम पर लांघी जाती है।’ उन्होंने कहा कि लोगों को इस पर चिंतन करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसी घटनाएं नहीं हों।
शंकराचार्य ने कहा, ‘पहले बहनें और भाई आजादी से घूमा करते थे और कुछ भी नहीं होता था। मानवीय मूल्यों, भावनाओं में गिरावट आयी है, हमारी संस्कृति और सभ्यता हमें महिलाओं का सम्मान करना सिखाती है जो हमारी बहनें और माताएं हैं।’ पाकिस्तानी सेना द्वारा भारतीय सैनिकों की नृशंस हत्या पर टिप्पणी के लिए कहने पर शंकराचार्य ने कहा कि घटना बर्बर और मानवीय मूल्यों के खिलाफ है। उन्होंने सरकार पर ऐसी घटनाओं से निपटने में पर्याप्त रूप से सशक्त नहीं रहने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘हमें यह विचार करने की जरूरत है कि सरकार और देश की छवि इतनी कमजोर क्यों है कि एक पड़ोसी देश ऐसे कृत्य को अंजाम देने से पहले दो बार नहीं सोचता।’ (एजेंसी)
First Published: Wednesday, January 16, 2013, 19:20