फर्जी गोंडा मुठभेड़: 3 पुलिसकर्मियों को फांसी, 5 को उम्रकैद

फर्जी गोंडा मुठभेड़: 3 पुलिसकर्मियों को फांसी, 5 को उम्रकैद

फर्जी गोंडा मुठभेड़: 3 पुलिसकर्मियों को फांसी, 5 को उम्रकैदलखनऊ : सीबीआई की विशेष अदालत ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में करीब 31 साल पहले हुए फर्जी मुठभेड़ कांड मामले में दोषी ठहराये गये तीन पुलिसकर्मियों को फांसी तथा पांच अन्य को उम्रकैद की सजा सुनाई।

फांसी की सजा पाये तीनों पुलिसकर्मी पुलिस उपाधीक्षक केपी. सिंह तथा 12 अन्य लोगों की फर्जी मुठभेड़ दिखाकर हत्या करने के दोषी पाये गये।

अभियोजन पक्ष के मुताबिक 12 मार्च 1982 में गोंडा जिले के कटराबाजार थाना क्षेत्र के माधवपुर गांव में दो पक्षों की रंजिश भड़कने की आशंका के मद्देनजर मौके पर पहुंचे तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक के. पी. सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। इस हत्या की साजिश कौड़िया के तत्कालीन थानाध्यक्ष आर. बी. सरोज, तत्कालीन मुख्य कांस्टेबल राम नायक पाण्डेय तथा सिपाही राम करन ने रची थी।

इसके बाद पुलिसकर्मियों ने माधवपुर पहुंचकर 12 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने इसे मुठभेड़ का नाम दिया था। के. पी. सिंह की पत्नी विभा सिंह ने बाद में संदेह होने पर उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की थी। अदालत के आदेश पर मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गयी थी।

सीबीआई की जांच में मुठभेड़ को फर्जी पाया गया था। इस मामले में कुल 19 पुलिसकर्मियों के खिलाफ सीबीआई ने आरोपपत्र दाखिल किया था जिसमें पुलिस उपाधीक्षक केपी सिंह समेत 13 लोगों की फर्जी मुठभेड़ में हत्या करने के आरोप थे। आरोपी पुलिसकर्मियों में से 10 की मुकदमा विचारण के दौरान मृत्यु हो गयी थी। (एजेंसी)


First Published: Friday, April 5, 2013, 15:47

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