Last Updated: Wednesday, July 25, 2012, 22:14
मुंबई : महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के लिए एक नया संकट खड़ा करते हुए उनके एक रिश्तेदार ने बुधवार को न्यायिक आयोग से कहा कि उन्होंने एक फर्जी रसीद के जरिए आदर्श सोसाइटी में एक फ्लैट हासिल किया था।
उन्होंने इस रसीद के जरिए खुद को किराये के मकान में रहते हुए दिखाया था।
चव्हाण की पत्नी के चाचा मदनलाल शर्मा ने आदर्श घोटाले की जांच कर रहे उच्च न्यायालय के सेवानिवृत न्यायाधीश जेए पाटिल के नेतृत्व वाले जांच आयोग को बताया कि 30 जून 2009 की तारीख से मकान के किराये की एक रसीद सोसाइटी को पेश की गई। इसमें उन्हें अंधेरी स्थित एक फ्लैट का किरायेदार और उनकी भतीजी को इस फ्लैट की मालकिन बताया गया था जबकि यह फ्लैट उन्हीं का है। दरअसल, सोसाइटी के नियमों के मुताबिक इसकी सदस्यता सिर्फ उन्हीं लोगों को दी जा सकती थी जिनका मुंबई में कोई फ्लैट नहीं हो।
शर्मा ने दो सदस्यीय आयोग को बताया कि मैं 1985 से उपनगरीय अंधेरी में एक फ्लैट का मालिक हूं। आदर्श से सदस्यता की मांग करने वाले मेरे आवेदन में कहा गया था कि शहर में मेरा कोई फ्लैट नहीं है। यह गलत है। मैं नहीं जानता कि मेरा फार्म किसने भरा। मैंने सिर्फ इस पर हस्ताक्षर किया था।
शर्मा ने 31 अगस्त 2009 को सोसाइटी की सदस्यता की मांग की थी और उन्हें उसी साल 30 अगस्त को सदस्यता मिल गई थी। शर्मा ने बताया कि 30 जून 2009 की तारीख से मकान किराये की एक रसीद आदर्श सोसाइटी को जारी की गई। इसमें मेरी भतीजी अमिता चव्हाण को अंधेरी स्थित फ्लैट की मालकिन दिखाया गया था और इसके मुताबिक उन्होंने मुझे यह फ्लैट किराये पर दिया था। यह रसीद गलत है। अमिता अशोक चव्हाण की पत्नी हैं।
उन्होंने आयोग को बताया कि अशोक चव्हाण उस वक्त प्रदेश के मुख्यमंत्री थे जब उन्होंने सोसाइटी की सदस्यता के लिए आवेदन दिया था और इस आवेदन को मंजूरी मिली थी। शर्मा (85) ने बताया कि उन्होंने पुणे के मालव शाह नाम के एक व्यक्ति से 65 लाख रूपये का कर्ज लिया था, हालांकि उस व्यक्ति को वह व्यक्तिगत तौर पर नहीं जानते थे।
उन्होंने बताया कि 50,000 रूपये के अलावा पूरी रकम मालव शाह से ली गई कर्ज की रकम से अदा की गई। मैं नहीं जानता कि मालव शाह कौन है। उसके दादा हीरालाल शाह हमारे पारिवारिक मित्र हैं, लेकिन मैं उन्हें व्यक्तिगत रूप से नहीं जानता।
सीबीआई के मुताबिक मालव शाह पुणे आधारित भवन निर्माता जयंत शाह के पुत्र हैं। जयंत अशोक चव्हाण के करीबी सहयोगी हैं। चव्हाण की साली सीमा शर्मा ने जो फ्लैट खरीदे हंै, उसके लिए भी धन मालव शाह ने ही मुहैया कराया था। शर्मा ने बताया कि इस घोटाले के उजागर होने के तुरंत बाद उन्होंने 29 अक्तूबर 2010 को सोसाइटी को एक पत्र लिख कर अपनी सदस्यता वापस करने की मांग की थी। गौरतलब है कि सीबीआई इस मामले में चव्हाण और 12 अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, July 25, 2012, 22:14