Last Updated: Friday, March 23, 2012, 06:13
ज़ी न्यूज ब्यूरो/एजेंसी नई दिल्ली: दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित एक नई मुसीबत में फंस गई है। दिल्ली लोकायुक्त ने उपराज्यपाल तेजेंद्र खन्ना को एक रिपोर्ट भेजकर मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की निंदा किये जाने संबंधी अपनी पिछली सिफारिशों की समीक्षा करने के लिए कहा है। लोकायुक्त की यह रिपोर्ट 2008 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री द्वारा कम कीमत वाले फ्लैटों के निर्माण के बारे में कथित रूप से गलत तथ्य पेश करने से संबंधित है।
खन्ना को भेजी अपनी रिपोर्ट में लोकायुक्त ने मामले की समीक्षा के लिए राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के पास इसे भेजने करने का भी आग्रह किया।
लोकायुक्त न्यायमूर्ति मनमोहन सरीन ने पिछले साल अपने आदेश में विधानसभा चुनावों से पहले 60 हजार कम कीमत वाले फ्लैटों के निर्माण के बारे में कथित रूप से गलत तथ्य रखने के लिए शीला दीक्षित की निंदा की थी।
एक शिकायत के जवाब में लोकायुक्त ने अपने आदेश में कहा कि शीला ने कहा था कि 60 हजार कम कीमत वाले घर आवंटन के लिए तैयार हैं जबकि तब तक घरों का निर्माण तक नहीं हुआ था।
लोकायुक्त ने सिफारिश की थी कि राष्ट्रपति को मुख्यमंत्री के खिलाफ उचित कार्रवाई करनी चाहिए लेकिन राष्ट्रपति ने अप्रत्यक्ष रूप से इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया था और दिल्ली सरकार के संबंधित विभाग से इन मुद्दों पर ध्यान देने के लिए कहा था।सूत्रों ने कहा कि लोकायुक्त ने राष्ट्रपति के विचारों की समीक्षा को लेकर उपराज्यपाल तेजेंद्र खन्ना को एक विशेष रिपोर्ट भेजी है।
सूत्रों के अनुसार, लोकायुक्त ने उपराज्यपाल से आग्रह किया है कि विशेष रिपोर्ट राष्ट्रपति को भेजी जाए और इसे जरूरी कदम के लिए दिल्ली विधानसभा में रखा जाए। शीला दीक्षित ने इन आरोपों को खारिज किया है।
First Published: Saturday, March 24, 2012, 08:24