Last Updated: Saturday, November 24, 2012, 09:15

मुंबई : दिवंगत शिव सेना प्रमुख बाल ठाकरे के अंतिम संस्कार के लिए मुंबई में बंद के खिलाफ फेसबुक पर कमेंट करने को लेकर दो लड़कियों की गिरफ्तारी के मामले की जांच कर रहे एक जांच आयोग ने पुलिसकर्मियों को अभ्यारोपित करते हुए कहा कि उनकी कार्रवाई जायज नहीं ठहरायी जा सकती।
एक पुलिस अधिकारी ने नाम जाहिर ना करने की शर्त पर बताया कि पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) कार्यालय को सौंपी गयी जांच रिपोर्ट में लड़कियों को निर्दोष ठहराते हुए पुलिसकर्मियों पर विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की गयी है।
पलघार की रहने वाली शाहीन दाडा और रेणु श्रीनिवासन को सोमवार को फेसबुक पर पोस्ट करने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था जिसमें शाहीन ने ठाकरे के निधन के बाद मुंबई बंद का विरोध किया था जबकि रेणु ने इसे ‘लाइक’ किया था। लड़कियों को बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था।
इन गिरफ्तारियों से देश भर में नाराजगी फैल गयी थी और जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग उठने लगी। शाहीन और रेणु (दोनों की उम्र 21 वर्ष) को आईपीसी की धारा 295 (ए) तथा 505 (2) और आईटी अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था।
अधिकारी ने बताया, ‘पुलिस महानिरीक्षक (कोंकण क्षेत्र) सुखविंदर सिंह द्वारा सौंपी गयी इस रिपोर्ट में साथ ही कहा गया है कि इस मामले में जिन धाराओं का इस्तेमाल किया गया, वह जायज नहीं थे।’ अधिकारी ने कहा कि पुलिस, लड़कियों के खिलाफ आरोपों को वापस लेने के मुद्दे पर सरकार से सलाह लेगी। (एजेंसी)
First Published: Saturday, November 24, 2012, 09:15