Last Updated: Tuesday, November 6, 2012, 12:41
नई दिल्ली : संसार की बहुत-सी पुरानी और नई इमारतों में ताजमहल का स्थान बहुत ऊंचा है। सारे संसार में इसकी धूम है और संसार से कोने-कोने से लोग इसे देखने के लिए आते हैं। ताजमहल भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा नगर में यमुना नदी के तट पर बना हुआ है। इसे दिल्ली के मुगल सम्राट शाहजहां ने अपनी बेगम अर्जुमंद बानो (मुमताज महल) की याद में बनवाया था। यह इमारत बहुत बड़ी नहीं है, किंतु बहुत ही सुंदर है। यह रोजा सत्रहवीं शताब्दी में बना था, किंतु आज भी इसमें पुरानेपन का कोई चिह्न् दिखाई नहीं पड़ता।
यह रोजा संगमरमर के चबूतरे पर बढ़िया संगमरमर का बना हुआ है। चबूतरे की ऊंचाई 20 फुट और क्षेत्रफल 350 वर्गफुट है। रोजे की ऊंचाई 350 फुट और घेरा 6 फुट है। चबूतरे के चारों कोनों पर 150 फुट ऊंची चार मीनारें हैं। इस इमारत में संगमरमर, संगमूसा इत्यादि रंग-बिरंगे पत्थरों से ही सब चीजें बनाई गई हैं। बेल-बूटे बनाने में भी रंग-बिरंगे सुंदर नग ही काम में लाए गए हैं।
रोजे के भीतर सम्राट शाहजहां और बेगम मुमताज महल की दो सुंदर कब्रें हैं। नीचे के खंड में बनी हुई कब्रों तक जाने के लिए सीढ़ियां बनी हैं। रोजे के चारों कोनों पर बनी हुई मीनारों के ऊपर जाने के लिए भी जीने हैं। मीनारों के ऊपर से ताजमहल का दृश्य बड़ा ही मनोहर लगता है।
रोजे के सामने एक लंबा कुंड बना हुआ है। इसमें फब्बारों की कतारें बनी हुई हैं। इस कुंड में रंग-बिरंगी सुंदर मछलियां तैरती रहती हैं। कुंड के दोनों ओर रोजे तक जाने के लिए पक्की पगडंडियां हैं। इन पगडंडियों के किनारे कुछ-कुछ दूरी पर हरे वृक्ष लगे हुए हैं, जो वर्दीधारी संतरी जैसे प्रतीत होते हैं। रोजे के चारों ओर एक सुंदर बाग है। इस बाग में चंदन, इलायची, सुपारी, मौलसिरी आदि के वृक्ष हैं। बाग, कुंड, फूलों और फव्वारों के कारण इस रोजे की शोभा को चार चांद लग गए हैं।
कहा जाता है कि इस रोजे का नक्शा आस्टिन नामक एक प्रसिद्ध फ्रांसीसी शिल्पकार ने बनाया था और इसके बनाने के लिए इटली, फारस, रूस, फ्रांस आदि देशों के कुशल शिल्पकार बुलाए गए थे। इस इमारत को 22 हजार कामगार बीस वर्ष में बना पाए और इसके बनाने में सवा तीन करोड़ रुपये के लगभग खर्च आया था। शाहजहां की हार्दिक इच्छा थी कि वह यमुना के दूसरे तट पर अपने लिए भी संगमूसा का एक ऐसा ही सुंदर रोजा तैयार करावे, किंतु बादशाह की यह इच्छा पूरी न हो सकी। उसके पुत्र औरंगजेब ने उसे कैद कर लिया और वह बेचारा कैद में ही मर गया। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, November 6, 2012, 12:41