बच्ची से रेप, पागल तो नहीं हो रहे लोग: दिल्‍ली हाईकोर्ट

बच्ची से रेप, पागल तो नहीं हो रहे लोग: दिल्‍ली हाईकोर्ट

बच्ची से रेप, पागल तो नहीं हो रहे लोग: दिल्‍ली हाईकोर्ट नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने पांच वर्षीय बच्ची के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले पर गुरुवार को चिंता जताते हुए कहा कि `कहीं न कहीं कुछ गलत हो रहा है` और हैरानी जताई कि `क्या लोग अपना मानसिक संतुलन खोते जा रहे हैं।` मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी. मुरुगेसन और न्यायमूर्ति जयंत नाथ की खंडपीठ ने कहा कि दिल्ली में जो कुछ हो रहा है वह आश्चर्यजनक है। कहीं न कहीं कुछ गलत है।

न्यायालय ने कहा कि क्या लोग अपना मानसिक संतुलन खोते जा रहे हैं? पांच साल की एक बच्ची के साथ दुष्कर्म हुआ। इस मामले में जागरूकता फैलाए जाने की आवश्यकता है। खंडपीठ ने गृह मंत्रालय और दिल्ली पुलिस को दुष्कर्म की घटनाओं में अचानक आई तेजी की `मूल वजह` खोजने के लिए कहा।

दिल्ली के गांधीनगर इलाके में एक इमारत की निचली मंजिल के एक कमरे में पांच वर्षीय बच्ची को बिना खाना-पानी दिए दो दिनों तक बंधक बना कर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया। बच्ची का परिवार भी इसी इमारत में रहता है। बच्ची की चीख सुनने पर परिवार के लोगों ने उसे 17 अप्रैल को आजाद कराया।

न्यायालय ने कहा कि अब हमें यह देखना है कि इस तरह के अपराध को कैसे रोका जाए और हमें इसका मूल कारण पता लगाना है। दिल्ली में हो रही घटना से हर कोई दुखी है। यहां यह तेजी से हो रहा है। अदालत ने कहा कि दिल्ली में जो कुछ हो रहा है उससे हर कोई अत्यंत दुखी है। यह यहां धड़ल्ले से हो रहा है। न्यायालय ने सरकार को विभिन्न राज्यों से आने वाले लोगों की जांच कराए जाने का निर्देश देते हुए कहा कि अधिकतर आरोपी पड़ोसी राज्यों से ताल्लुक रखते हैं। इसे कैसे रोका जाए? पांच वर्ष की बच्ची के साथ क्या हुआ इसे देखिए।

खंडपीठ ने पुलिस के तत्काल संवेदनशील होने की जरूरत पर बल देते हुए सरकार को इस संदर्भ में आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया। न्यायालय ने कहा कि पुलिस की संवेदनशीलता सबसे जरूरी है। दिल्ली पुलिस से पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण पर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश देते हुए विशेष लोक अभियोजक दयान कृष्णन से न्यायाधीशों ने कहा कि पुलिस को संवेदनशील बनाने के लिए आपका मापदंड क्या है इसे पेश कीजिए। न्यायाधीशों ने आगे कहा कि जहां तक पुलिस की जागरूकता, संवेदनशीलता का प्रश्न है तो हमारा नजरिया है कि यह पर्याप्त नहीं है और उन्हें पर्याप्त प्रशिक्षण दिए जाने की जरूरत है। (एजेंसी)

First Published: Thursday, April 25, 2013, 19:00

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