Last Updated: Saturday, August 4, 2012, 17:21
नई दिल्ली : सेना के एक पूर्व मेजर और उसकी दूसरी पत्नी को दिल्ली की एक अदालत ने सैन्य अधिकारी की पहली पत्नी से हुए पु़त्र को यातना देने और उसे मारने की कोशिश करने जुर्म में दस साल कैद की सजा सुनायी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वीरेन्द्र भट्ट ने आज मेजर और उसकी दूसरी पत्नी को सजा सुनाते हुए कहा, आपको भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत दस साल के सश्रम कारावास और किशोर न्याय कानून की धारा 23 के तहत छह माह की जेल की सजा सुनायी जाती है। दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
अदालत ने मेजर (सेवानिवृत्त) ललित बलहारा और उसकी दूसरी पत्नी प्रीति बलहारा पर साठ-साठ हजार रूपये का जुर्माना लगाया। दोनों को नाबालिग बच्चे को यातना देने और उसकी जान लेने का प्रयास करने का दोषी ठहराया गया। बच्चे की मां की वर्ष 2000 में मृत्यु हुई थी और वह भी सेना में कैप्टन थी।
इस लड़के को तीन वर्ष की आयु में 23 अप्रैल 2002 को पहली बार उस समय अस्पताल लाया गया जब उसने कथित तौर पर कीटनाशक खा लिया था। यह बच्चा इस समय 13 साल का है।
इसके बाद अगले कई हफ्तों और महीनों तक अस्पताल बच्चे का दूसरा घर बन गया। उसे पसलियों में फ्रेक्चर, खोपड़ी में रक्तस्राव और टूटे दांत सहित विभिन्न चोटों के कारण अस्पताल में भर्ती कराया जाता था और हर बार वह भूख से पीड़ित नजर आता था। दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा इस मामले की जांच का आदेश दिये जाने के चार साल बाद दिल्ली पुलिस ने इस दंपति के खिलाफ 2009 में हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया था। (एजेंसी)
First Published: Saturday, August 4, 2012, 17:21