Last Updated: Wednesday, August 21, 2013, 15:45

नई दिल्ली : भारी बारिश के कारण आये मलबे से बद्रीनाथ मंदिर को किसी तरह का खतरा होने से इनकार करते हुए शीर्ष अधिकारियों ने कहा कि ठंड का मौसम शुरू होने से पहले मंदिर के रख रखाव और मरम्मत संबंधी कार्यों के लिये प्रशासन को चौकस किया गया है जिससे भयभीत होने की जरूरत नहीं है ।
मंदिर समिति के सीईओ बी डी सिंह ने कहा कि बद्रीनाथ मंदिर को कोई खतरा नहीं है। मंदिर से एक किलोमीटर दूर इंद्रधारा नाले में पानी बढने से मलबा आ गया है लेकिन मंदिर सुरक्षित है । अधिकारियों को अफवाहें फैलाने से बचना होगा । उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग को पत्र लिखकर उन्होंने भविष्य में किसी तरह के खतरे से बचने के लिये मरम्मत का काम तुरंत कराने का आग्रह किया है ।
उन्होंने कहा कि बद्रीनाथ मंदिर को भूस्खलन से बचाने के लिये मंदिर के उपर दाहिनी ओर एक दीवार बनाई गई है जिसमें मरम्मत की जरूरत है । इसके अलावा अलकनंदा नदी के पास सुरक्षा ब्लाक भी उत्तराखंड में आई बाढ के कारण क्षतिग्रस्त हुए हैं जिनकी मरम्मत करानी होगी । लेकिन यह रूटीन रख रखाव के काम है जो हर बार सर्दियों से पहले कराये ही जाते हैं । वहीं बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी हरीश गौड़ ने दोहराया है कि मंदिर को तात्कालिक खतरा भले ही न हो लेकिन भविष्य में हो सकता है और अभी तक प्रशासन ने सुध नहीं ली है।
उन्होंने कहा कि भूस्खलन से बचाव के लिये मंदिर के दाहिनी तरफ उपर की ओर बनी हुई दीवार बुरी तरह क्षतिग्रस्त है और मंदिर के नीचे अलकनंदा के पास स्नान कुंड से सीमेंट निकलने के कारण वे जर्जर हो गये हैं । यह खतरा नहीं है तो और क्या है । (एजेंसी)
First Published: Wednesday, August 21, 2013, 15:45