Last Updated: Monday, May 27, 2013, 15:42
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की पूर्ववर्ती मायावती सरकार के कार्यकाल में बनवाए गए स्मारकों को शादी-ब्याह तथा अन्य मांगलिक कार्यो के लिए किराये पर देने के मौजूदा अखिलेश यादव सरकार के फैसले के खिलाफ बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को राज्यपाल बीएल जोशी से मुलाकात कर शिकायत की और सूबे में राष्ट्रपति शासन लागू कराने की मांग दोहराई।
बसपा के प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई कर रहे राष्ट्रीय महासचिव सतीश चन्द्र मिश्र ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने बाद राजभवन के बाहर संवाददाताओं से कहा कि दलित महापुरुषों के नाम पर बनवाए गये स्मारकों की जमीन को विवाह तथा अन्य कार्यो के लिये इस्तेमाल किया जाना उच्चतम न्यायालय के आदेशों की अवहेलना है।
इसका मतलब है कि राज्य की समाजवादी पार्टी सरकार ऐसा जानबूझकर कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में तानाशाही व्याप्त है और हमने राज्यपाल से सूबे में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग दोहरायी है। विधानसभा में बसपा के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने राज्य सरकार को नतीजे भुगतने के लिये आगाह करते हुए कहा कि पार्टी कार्यकर्ता बमुश्किल आत्मनियंत्रण में हैं, लेकिन सोचिये अगर सपा सरकार के निर्णय के खिलाफ करोड़ों लोग सड़कों पर उतर आये तो सरकार के लिये सत्ता में बने रहना कितना मुश्किल हो जाएगा।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार ने मायावती सरकार द्वारा बनवाए गये स्मारकों के अंदर की खाली जमीन का उपयोग नहीं हो पाने का हवाला देते हुए हाल में उन्हें शादी-ब्याह तथा अन्य मांगलिक कार्यों के लिए किराये पर देने की घोषणा की थी। (एजेंसी)
First Published: Monday, May 27, 2013, 15:42