Last Updated: Friday, July 27, 2012, 21:23
लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गुरुवार को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की मूर्ति तोड़े जाने के बाद शुक्रवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि इस मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए।
राजधानी लखनऊ में मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए बसपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मौर्य ने कहा कि पूरे मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए या किसी बड़ी एजेंसी से जांच कराई जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि मूर्ति तोड़ने वाले लाल टोपी पहने हुए थे। उन षड्यंत्रकारियों की तत्काल पहचान होनी चाहिए। इससे पूर्व बसपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल बी. एल. जोशी और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात कर दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की मांग की। प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश में बिगड़ती कानून एवं व्यवस्था का हवाला देकर राज्यपाल से राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग भी की। राज्यपाल ने हर सम्भव कदम उठाने का आश्वासन दिया।
बसपा नेताओं ने अखिलेश से मांग की कि गोमतीनगर में बने पार्को और स्मारकों पर पहले की तरह सशस्त्र सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की जाए। मौर्य ने बताया कि इस मामले के अभियुक्तों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने और स्मारकों की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और मूर्तियों की सुरक्षा की व्यवस्था की जाएगी।
मुख्यमंत्री और राज्यपाल से मुलाकात के बाद बसपा के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य और नसीमुद्दीन सिद्दकी मायावती की नई मूर्ति को देखने अम्बेडकर पार्क भी गए। पार्क में दोनों नेताओं ने सरकार द्वारा लगाई गई नई मूर्ति का निरीक्षण किया। मूर्ति का निरीक्षण करने के बाद मौर्य ने संतुष्टि जताते हुए कहा कि नई मूर्ति भी अन्य मूर्तियों की तरह ही है। मूर्तिकार ने कहा कि मूर्ति का सही अंदाजा उसकी फिनिशिंग के बाद ही लगाया जा सकेगा।
उल्लेखनीय है कि गुरुवार को उत्तर प्रदेश नव निर्माण सेना के कार्यकर्ताओं ने गोमतीनगर के अम्बेडकर पार्क में लगी मायावती की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर दिया था। बाद में मामले के तूल पकड़ने के बाद सरकार ने देर रात टूटी मूर्ति की जगह नई मूर्ति स्थापित कराई। (एजेंसी)
First Published: Friday, July 27, 2012, 21:23