Last Updated: Monday, March 26, 2012, 15:02
देहरादून : कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल के सोमवार को उत्तराखंड विधानसभा का अध्यक्ष बनने के साथ ही कांग्रेस ने पहले शक्ति परीक्षण में जीत हासिल की। हरीश रावत के नेतृत्व वाले धड़े द्वारा मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा का समर्थन करने के बाद कुंजवाल ने इस पद के चुनाव में भाजपा सदस्य हरवंश कपूर को आठ मतों के अंतर से हराया।
हाल में लगातार तीसरी बार विधानसभा चुनाव जीतने वाले 67 वर्षीय कुंजवाल को कुल पड़े 70 मतों में से 39 मत मिले जबकि कपूर को 31 मत मिले। अस्थाई विधानसभा अध्यक्ष शैलेंद्र मोहन सिंघल ने सदन को इस बारे में जानकारी दी। कुंजवाल की जीत कांग्रेस के लिए मनोबल बढाने वाली है क्योंकि 70 सीटों वाली विधानसभा में कांग्रेस के 32 विधायक हैं और उसने सात गैरभाजपा विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई है।
तीनों निर्दलीय सदस्यों, उत्तराखंड क्रांति दल के एकमात्र सदस्य प्रीतम सिंह पंवार और बसपा के तीन सदस्यों ने कुंजवाल के पक्ष में मत दिया। कांग्रेस के कुछ विधायकों ने कहा कि राज्यपाल मारग्रेट अल्वा का कल नये सदन को संबोधित करने का कार्यक्रम है और इसके एक दिन बाद उनके संबोधन पर धन्यवाद प्रस्ताव पर मतदान होने की संभावना है।
अल्मोड़ा जिले के जगेश्वर से विधायक और केन्द्रीय मंत्री हरीश रावत के समर्थक कुंजवाल ने इस मौके पर कहा कि वह बिना किसी भेदभाव के काम करेंगे। वर्ष 2002-07 तक नारायण दत्त तिवारी सरकार में मंत्री रहे कुंजवाल ने कहा कि मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि मैं सभी सदस्यों के साथ एक जैसा व्यवहार करूंगा और सदन की गरिमा बनाए रखूंगा। राज्यपाल मारग्रेट अल्वा का कल सदन में संबोधन करने का कार्यक्रम है और इसके अगले दिन उनके संबोधन के धन्यवाद प्रस्ताव पर मतदान होने की संभावना है।
संसदीय कार्यमंत्री इंदिरा हृदेश ने कहा कि हमने विधानसभा अध्यक्ष के सफल चुनाव के जरिये अपनी पहली बड़ी बाधा पार कर ली है। अब, अलग से विश्वास मत प्रस्ताव लाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार 29 मार्च को लेखानुदान ला रही है जो धन विधेयक है। लेखानुदान के पारित होने को भी विश्वास मत की तरह देखा जाना चाहिए। इंदिरा ने कहा कि 30 मार्च को राज्यसभा का चुनाव है जिसमें कांग्रेस प्रत्याशी महेंद्र सिंह मेहरा की जीत निश्चित लग रही है। इससे भी मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के नेतृव वाली कांग्रेस सरकार के बहुमत का सबूत मिलेगा। उन्होंने कहा कि इसलिए अलग से विश्वास मत प्रस्ताव लाने की कोई जरूरत नहीं है।
(एजेंसी)
First Published: Monday, March 26, 2012, 20:32