Last Updated: Saturday, July 14, 2012, 10:20

मेरठ : बागपत जिले के असारा गांव की पंचायत के एक तुगलकी फरमान से घटनास्थल व आसपास के इलाकों में तनाव की स्थिति पैदा हो गई है। उतर प्रदेश नवनिर्माण सेना (यूएनएस) ने पंचायत के फरमानों को महिला अधिकारों पर कुठाराघात बताते हुए इसके खिलाफ लड़ाई का ऐलान किया है।
यूएनएस के अध्यक्ष अमित जानी ने कहा कि देश के कानून से इतर कोई कानून नहीं है। उन्होंने कहा कि यूएनएस कार्यकर्ता पंचायत के इस फरमान का विरोध करेंगे और अगर गांव में पंचायत के फरमानों के आधार पर गांव की किसी महिला की निजी स्वतंत्रता पर रोक लगाई गई तो सड़कों पर उतर उसका विरोध करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
दूसरी ओर बागपत में पुलिस ने जब पंचायत में शामिल दो पंचों को हिरासत में लिया तो उनके समर्थन में भीड़ ने पुलिस टीम पर ही हमला बोल दिया। भीड़ ने पुलिस की बाइक जला दी। सूचना मिलने पर भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने बड़ी मुश्किल से लोगों को समझा-बुझा कर शांत किया।
एडीजी एवं जोन के आईजी जेएल त्रिपाठी ने पंचायत के फरमानों पर तो कुछ नहीं कहा अलबता गुरुवार को पुलिस पर भीड़ के हमले के बोर में कहा कि बवाल की जड़ में इलाके की आपसी ग्राम प्रधान की राजनीति है। उन्होंने कहा कि स्थानीय पुलिस को सख्ती से कानून का पालन कराने को कहा गया है।
बागपत के एसपी वीके शेखर ने कहा कि फिलहाल स्थिति पूरी तरह नियन्त्रण में है। उन्होंने कहा कि सब कुछ गांव के लोगों की आपसी राजनीति के कारण हुआ है। उन्होंने कहा कि गांव में तनाव को देखते हुए वहां अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात कर दिया गया है। (एजेंसी)
First Published: Saturday, July 14, 2012, 10:20