Last Updated: Monday, November 14, 2011, 17:47
पटना : बिहार में आंगनबाडी केंद्रों का अंकेक्षण अब जनता के हाथ में होगा और इस संबंध में आदेश राज्य सरकार ने निर्गत कर दिए हैं।
बिहार राज्य समाज कल्याण विभाग की मंत्री परवीन अमानुल्लाह ने बताया कि राज्य में आंगनबाडी केंद्रों का अंकेक्षण अब जनता के हाथ में होगा और इस संबंध में गत नौ नवंबर को आदेश जारी कर दिए गए हैं। अमानुल्लाह ने बताया कि बिहार देश में पहला ऐसा प्रदेश है, जहां आंगनबाडी केंद्रों का लाभार्थी सभा के माध्यम से सामाजिक अंकेक्षण कराया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि सामाजिक अंकेक्षण का यह कार्यक्रम इस प्रकार से है कि जनता अपने क्षेत्र के आंगनबाडी केंद्र के अंकेक्षण और निगरानी के लिए सर्वसम्मति से उक्त आंगनबाडी केंद्र में पढ़ने वालों के बच्चों के अभिभावकों में से पांच अभिभावकों की एक समिति का गठन करेंगे।
अमानुल्लाह ने बताया कि पांच सदस्यीय इस अंकेक्षण एवं निगरानी समिति में एक अध्यक्ष और चार अन्य सदस्य होंगे, जिसके द्वारा प्रत्येक महीने की 15 तारीख को एक सभा कर आंगनबाडी सेविका से सारे खर्च का ब्योरा लेकर उसका अंकेक्षण किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि सामाजिक अंकेक्षण के दौरान समिति द्वारा आंगनबाडी सेविका को समन कर काम ठीक ढंग से नहीं करने उसे चेतावनी दे सकते हैं और चेतावनी से नहीं सुधरने पर प्रथम बार उन पर आर्थिक दंड लगाए जाने की सरकार से अनुशंसा करेंगे।
अमानुल्लाह ने बताया कि आर्थिक दंड के बावजूद नहीं सुधरने पर समिति काम नहीं करने वाली आंगनबाडी सेविकाओं का चयन रद्द किए जाने की अनुशंसा भी कर सकती है।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने यह निर्णय आंगनबाडी केंद्रों के सुचारू रूप से संचालन, इन केंद्रो के बच्चों को पोषाहार सहित अन्य सामग्री समय पर और सही मिले तथा काम में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से किया है।
(एजेंसी)
First Published: Monday, November 14, 2011, 23:23