Last Updated: Saturday, February 25, 2012, 18:38
पटना : भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष मार्कण्डेय काटजू ने आज कहा कि बिहार में नीतीश सरकार द्वारा प्रेस की आजादी पर अंकुश और स्वतंत्रता के उल्लंघन के मामलों की जांच तीन सदस्यीय समिति करेगी।
काटजू ने कहा कि पत्रकार राजीव रंजन नाग, अरुण कुमार और कल्याण बरुआ की सदस्यता वाली एक उपसमिति बिहार आकर जांच करेगी। यह समिति सरकार के खिलाफ लिखी जा रही खबरों के बाद अखबारों और पत्रिकाओं के पत्रकारों की प्रताड़ना और उन पर हमले के आरोपों की जांच करेगी। उन्होंने कहा, ‘यह उपसमिति सभी आरोपों की जांच करेगी। इसमें सरकार के निर्देश पर समाचार पत्र मालिकों के दबाव में पत्रकारों के तबादले, प्रताड़ना के आरोप भी शामिल हैं। बिहार में पत्रकारों पर हुए हमलों की भी विस्तार से जांच की जाएगी।’
प्रेस परिषद अध्यक्ष के बयान से राज्य सरकार आक्रोशित है। भाजपा नेता और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी तथा जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता शिवानंद तिवारी ने काटजू को आड़े हाथ लिया। हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस विषय में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। मोदी ने कहा कि काटजू ने राजनीति से प्रेरित बयान दिया है। गरिमापूर्ण पद पर रहते हुए काटजू को ऐसे बयान से बचना चाहिए। ऐसा बयान देना है तो सक्रिय राजनीति में उतरना चाहिए। तिवारी ने कहा कि काटजू ने अखबारों की सुखिर्यां बनने के लिए नीतीश सरकार के खिलाफ यह बयान दिया है। भारतीय प्रेस परिषद अध्यक्ष के बयान को लेकर विपक्षी दलों को भी नीतीश सरकार पर हमला बोलने का मौका मिल गया।
(एजेंसी)
First Published: Sunday, February 26, 2012, 00:08