Last Updated: Monday, July 16, 2012, 20:54
नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने बिहार में बथानी टोला नरसंहार के 23 अभियुक्तों को बरी किए जाने के पटना उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली राज्य सरकार की याचिका सोमवार को स्वीकार कर ली। न्यायमूर्ति अल्तमस कबीर की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने राज्य सरकार की याचिका स्वीकार करते हुए बरी किए गए सभी अभियुक्तों को नोटिस जारी किया।
पटना से करीब 100 किलोमीटर दूर भोजपुर जिले के बथानी टोला में रणवीर सेना ने 11 जुलाई, 1996 को 20 दलितों की हत्या कर दी थी।
निचली अदालत ने पांच मई, 2010 को इस मामले में 23 अभियुक्तों को दोषी ठहराते हुए तीन को मौत की सजा सुनाई थी। अदालत ने 30 अन्य को मामले से बरी कर दिया था। लेकिन बाद में इस साल 16 अप्रैल को पटना उच्च न्यायालय ने सभी दोषी ठहराए गए अभियुक्तों को भी बरी कर दिया था। बिहार सरकार ने इसी को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी है।
अपनी याचिका में बिहार सरकार ने कहा है कि पटना उच्च न्यायालय अभियोजन पक्ष की ओर से जुटाए गए सबूतों को ठीक तरह से समझ नहीं पाया, जिससे न्याय नहीं हो पाया। इसलिए इसे खारिज किए जाने की जरूरत है।
बिहार सरकार की ओर से वकील अभिनव मुखर्जी ने दलील दी कि निचली अदालत ने अपने तर्कपूर्ण और विस्तृत फैसले में अभियुक्तों को दोषी ठहराने के पीछे जो कारण दिए थे, उच्च न्यायालय उन्हें समझने में विफल रहा। (एजेंसी)
First Published: Monday, July 16, 2012, 20:54