बिहार भाजपा के `भीष्म पितामह` थे कैलाशपति

बिहार भाजपा के `भीष्म पितामह` थे कैलाशपति

पटना : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संस्थापकों में से एक कैलाशपति मिश्र का शनिवार को निधन हो गया। उनके निधन से बिहार के भाजपा समर्थक ही नहीं, आम लोग भी शोकाकुल हैं। बिहार भाजपा के `भीष्म पितामह` और `अभिभावक` माने जाने वाले मिश्र के निधन की खबर सुनते ही सभी राजनीतिक दलों के नेताओं का रुख पटना के कौटिल्य नगर स्थित मिश्र के आवास की ओर हो गया। मिश्र की अंत्येष्टि में नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे।

बिहार के छोटे से शहर बक्सर के समीप दुधारचक गांव में 1923 में जन्मे मिश्र ने बिहार और झारखंड में भाजपा की न केवल नींव डाली, बल्कि उस पर ऐसा महल खड़ा कर दिया जिसे गिराना किसी भी राजनीतिक दल के लिए आसान नहीं माना जाता है।

छोटी उम्र से ही उनमें देश के लिए कुछ करने का जज्बा था। यही वजह है कि वह 1942 के आंदोलन में कूद पड़े और 10वीं कक्षा के छात्र रहते उन्हें जेल यात्रा तक करनी पड़ी। 1945 में वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ गए। इसी दौरान उन्होंने आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प लिया, जिसे अंत तक निभाया।

निर्धन पंडित हजारी मिश्र के घर में जन्मे मिश्र ने 1959 में पहली बार सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया और जनसंघ के प्रदेश संगठन मंत्री का पदभार संभाला। 1977 में विक्रम विधानसभा से विधायक चुने गए और तत्कालीन बिहार सरकार में वह वित्त मंत्री बने। इसके बाद उन्होंने न केवल राज्य, बल्कि देश की राजनीति में भी हाथ आजमाने लगे। वर्ष 1980 में भाजपा के गठन के बाद बिहार इकाई के प्रथम अध्यक्ष बनाए गए और 1984 में मिश्र राज्यसभा के सदस्य बने। मिश्र इसके बाद राष्ट्रीय राजनीति में भागीदारी करने लगे। 1995 से लेकर 2003 तक वह भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रहे। इसके अलावा उन्होंने पार्टी के कई अन्य महत्वपूर्ण पदों का दायित्व भी बखूबी निभाया।

सात मई 2003 से लेकर सात जुलाई 2004 तक वह गुजरात के राज्यपाल रहे और इसी दौरान चार महीने तक उन्हें राजस्थान के राज्यपाल का दायित्व सौंपा गया था। भाजपा में मिश्र के महत्व का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि भाजपा के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने उनके निधन पर कहा कि भाजपा अभिभावकविहीन हो गई। एक युग का अंत हो गया। उनके विषय में कुछ भी कहना पर्याप्त नहीं है। उनका निधन मेरी व्यक्तिगत क्षति है।

मिश्र की अंत्येष्टि रविवार शाम पांच बजे पटना के गंगा तट पर होगी। भाजपा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष डा. सी.पी. ठाकुर ने बताया कि पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं के अलावा गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी भी मिश्र की अंत्येष्टि में शामिल होंगे। मोदी अपराह्न् तीन बजे पटना पहुंचेंगे और कुछ ही घंटे बाद लौट जाएंगे। (एजेंसी)

First Published: Sunday, November 4, 2012, 09:51

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