बिहार मिड डे मील हादसा: प्रधानाचार्या व अन्‍य शिक्षक लापता, विरोध प्रदर्शन तेज । Bihar mid-day meal tragedy: Headmistress absconding; Nitish cornered

बिहार मिड डे मील हादसा: प्रधानाचार्या व अन्‍य शिक्षक लापता, विरोध प्रदर्शन तेज

बिहार मिड डे मील हादसा: प्रधानाचार्या व अन्‍य शिक्षक लापता, विरोध प्रदर्शन तेजज़ी मीडिया ब्‍यूरो

छपरा/सारण: बिहार के सारण जिले के मशरक प्रखंड के नवनिर्मित प्राथमिक विद्यालय धरमसती, डंडामन में विषाक्‍त मध्याह्न भोजन (मिड डे मील) खाने के कारण बुधवार को 12 और बच्‍चों की मौतों के बाद अब तक मरने वालों की तादाद बढ़कर 23 हो गई है, जिसमें एक रसोइया भी शामिल है। हालांकि, इस घटना के विरोध में सारण में विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है और इस केस के सिलसिले में अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।

इस घटना के बाद स्‍कूल की प्रधानाचार्या मीना देवी और अन्‍य शिक्षकों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। घटना के बाद ये सभी लापता हैं। बच्चों की मौत के बाद राज्य में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सत्ताधारी पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) तथा कुपित विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया है। उधर, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने दूषित मध्याह्न् भोजन खाने से हुई 22 बच्चों की मौत को लेकर बिहार सरकार के साथ-साथ राज्य की पुलिस को नोटिस जारी किया है।

इस बीच, बिहार के विपक्षी दलों द्वारा सारण बंद के दौरान बंद समर्थकों ने चार सरकारी वाहनों को फूंक दिया। पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक मध्याह्न भोजन खाने के कारण अब तक 22 बच्चों की मौत हो गई है, जबकि अभी भी 25 से ज्यादा बच्चे बीमार हैं। शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव अमरजीत सिन्हा ने कहा कि विभाग पूरे मामले की जांच करा रहा है, तथा किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।

पटना चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (पीएमसीएच) के अधीक्षक अमरकांत झा ने बताया कि पीड़ित बच्चों को बाल चिकित्सा विभाग के गहन चिकित्सा कक्ष में रखा गया है, जहां चिकित्सक बराबर उनकी सेहत पर नजर बनाए हुए हैं।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने बुधवार को मध्याह्न भोजन योजना पर गहन निगरानी रखने की मांग की। एनसीपीसीआर के अध्यक्ष कुशाल सिंह ने बताया कि यह बहुत ही दुखद बात है कि मध्याह्न भोजन योजना के कारण इतने बच्चों का जीवन समाप्त हो गया। सरकार द्वारा नियमित जांच करते हुए इस योजना पर गहन निगरानी रखने की आवश्यकता है। उधर, माशरक के निवासियों ने बताया कि मृतक बच्चों को विद्यालय के पास ही दफना दिया गया है। मशरक थाना में इस मामले को लेकर एक प्राथमिकी दर्ज कराई गई है, जिसमें प्रधानाध्यापक सहित कई लोगों को आरोपी बनाया गया है।

राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने अस्पताल पहुंचकर पीड़ित बच्चों और उनके परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने अस्पताल परिसर में पत्रकारों से कहा कि बिहार सरकार को अब राज्य के लोगों से कुछ लेना देना नहीं रह गया है। उन्होंने पीड़ित बच्चों के उचित इलाज के लिए उन्हें तत्काल विशेष विमान से दिल्ली भेजने की मांग भी की।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस घटना पर दुख प्रकट किया और पूरे मामले की जांच प्रमंडलीय आयुक्त और प्रक्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक से कराने का निर्देश दिया है। उन्होंने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा की है।

प्रदेश भाजपा ने मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की है। राज्य में भाजपा के नेता और पूर्व मंत्री गिरिराज सिंह ने इस घटना के लिए मुख्यमंत्री को दोषी बताते हुए उन्हें अक्षम मुख्यमंत्री कहा। उन्होंने कहा कि घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपए बतौर मुआवजा देने की मांग की। उल्लेखनीय है कि राज्य में करीब 72,000 प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में मध्याह्न भोजन योजना लागू है।

First Published: Thursday, July 18, 2013, 10:02

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