बिहार: विषाक्‍त मिड डे मील से 22 बच्चे मरे, सरकार को साजिश की आशंका-Mid-day meal tragedy: Bihar govt alleges conspiracy

बिहार: विषाक्‍त मिड डे मील से 22 बच्चे मरे, सरकार को साजिश की आशंका

बिहार: विषाक्‍त मिड डे मील से 22 बच्चे मरे, सरकार को साजिश की आशंकाछपरा/मधुबनी : बिहार के सारण जिले में मध्याहन भोजन मामले में दो और बच्चों के दम तोड देने से मृतक संख्या बढ़कर 22 हो गई । इस बीच राज्य सरकार ने संदेह जताया कि भोजन जहरीला था। इस बीच राज्य सरकार को एनएचआरसी ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

इसी तरह की एक अन्य घटना में मधुबनी जिले में एक सरकारी माध्यमिक विद्यालय में मध्याहन भोजन योजना के तहत दिया गया भोजन खाने के बाद 50 छात्र बीमार पड़ गए। मधुबनी से करीब 22 किलोमीटर दूर नवतोलिया माध्यमिक विद्यालय के छात्रों को भोजन परोसा गया था। छात्रों ने आरोप लगाया है कि भोजन में मरी हुई छिपकली मिली।

बिहार के शिक्षा मंत्री पी के शाही ने पटना में संवाददाताओं से कहा, ‘सब्जी पकाने में इस्तेमाल तेल से दुर्गंध आ रही थी। चिकित्सकों को भोजन और उल्टी में जैविक फॉस्फोरस मिला है। इसका मतलब है कि बच्चों को जहरीला भोजन दिया गया।’ शाही ने इसमें साजिश की संभावना से इनकार नहीं किया और कहा कि जांच से यह पता चल पाएगा कि बच्चों को जहरीला दुर्घटनावश दिया गया या ऐसा जानबूझकर किया गया।

इस दुर्घटना को लेकर राजनीतिक आरोप प्रत्योरोप शुरू होने के बीच शाही ने राज्य सरकार के खिलाफ राजनीतिक षड्यंत्र का भी आरोप लगाया।

बच्चों के लिए भोजन बनाने वाली रसोइया मंजू देवी का भी पीएमसीएच में इलाज चल रहा है। उसने बताया कि भोजन के लिए सामान उसे प्रधानाचार्य के पति ने मुहैया कराया था। राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने घटना को दुखद करार देते हुए बेगुनाह बच्चों की मौत के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जिम्मेदार ठहराया।

उन्होंने पीएमसीएच में संवाददाताओं से कहा कि राज्य के विभिन्न हिस्सों से मध्याहन भोजन के बारे में नियमित रूप से शिकायत मिलने के बावजूद नीतीश कुमार सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की।

मधुबनी की घटना में करीब 50 बच्चों ने मध्याहन भोजन करने के बाद पेट में दर्द की शिकायत की और उल्टियां करने लगे। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी ए के प्रभात ने बताया कि बच्चों को विस्फी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया।

बिहार के शिक्षा मंत्री पी के शाही ने कहा कि पीएमसीएच के शिशु विभाग में भर्ती इन बच्चों में से तीन की हालत अभी भी चिंताजनक बनी हुई है। उन्होंने बताया कि मध्याह्न भोजन में जहर के असली प्रकृति के बारे में फारेंसिक जांच में पता चल पाएगा। चिकित्सकों ने कहा है कि बीमार बच्चों द्वारा की गयी उल्टी, उनके शरीर और सांस से जिस प्रकार की दरुगध आ रही है, वह जहरीले पदार्थ की गंध है और भोजन में उसकी मात्रा मौजूद थी।

शाही ने कहा कि इस मामले की जांच कर रही पुलिस को यह देखना है कि भोजन में जहर कैसे आया, क्या साजिश के तहत आया या लापरवाही के कारण आया।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में 1.66 करोड बच्चों को 73 हजार विद्यालयों में मध्याहन भोजन कराया जा रहा है और उसकी गुणवत्ता को बेहतर करने के लिए उसका सतत अनुश्रवण किया गया है और कई प्रभावकारी कदम उठाए गए हैं। (एजेंसी)



First Published: Wednesday, July 17, 2013, 20:22

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