बिहार: शरीर से जुड़ी बहनों का भविष्य अनिश्चित

बिहार: शरीर से जुड़ी बहनों का भविष्य अनिश्चित

नई दिल्ली : बिहार की शरीर से जुड़ी 16 वर्षीय बहनों सबा और फराह सलीम की मेडिकल जांच और उनके आपरेशन के लिए परिवार द्वारा अनुमति नहीं देने के कारण उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में कोई भी निर्देश देने में बुधवार को असमर्थता जताई।

न्यायमूर्ति केएस राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति दीपक मिश्र की खंडपीठ ने शरीर से जुड़ी बहनों के माता पिता के रूख पर अप्रसन्नता व्यक्त की। न्यायाधीशों ने कहा कि वे यह फैसला करने की स्थिति में नहीं है कि इनमें से एक या फिर दोनों को आपरेशन करके बचाया जा सकता है क्योंकि इन बहनों को उपचार के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान लाने के लिये उनके परिजनों द्वारा अदालत और सरकार को अनुमति देने से इंकार करने के कारण उनका मेडिकल परीक्षण नहीं किया जा सकता।

पटना में एक चाय बिक्रेता की शरीर से जुड़ी बेटियां सबा और फराह बिस्तर पर हैं और उन्हें बेहद तकलीफ और वेदना से रूबरू होना पड़ रहा है। ये बहने न तो ठीक से सो पा रही हैं और न ही बिस्तर से उठ पाती हैं। न्यायाधीशों ने कहा कि उन्हें दु:ख है कि इन जुड़वां बहनों की तकलीफ और वेदना से माता पिता सहित किसी का भी कोई सरोकार नहीं है। वे तो आर्थिक मदद और देखभाल में मदद चाहते हैं। ऐसी स्थिति में आपरेशन के जरिये उन्हें या उनमें से किसी एक को बचाने के बारे में विशेषज्ञों की चिकित्सीय सलाह के अभाव में कोई सकारात्मक निर्देश नहीं दिया जा सकता। न्यायालय ने कहा कि उसने इन बच्चियों की परेशानी का हल खोजने का प्रयास किया लेकिन अथक प्रयासों के बावजूद समाधान नहीं ढूढा जा सका।

न्यायालय ने बिहार सरकार को शरीर से जुड़ी इन बहनों के इलाज का पूरा खर्च वहन करने और परिवार को पांच हजार रुपए महीना देने का निर्देश दिया है। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, April 10, 2013, 21:06

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