Last Updated: Monday, March 18, 2013, 14:10
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में लगातार बिगड़ती कानून-व्यवस्था के मुद्दे को लेकर एक तरफ जहां विधानसभा के भीतर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सदस्यों ने हंगामा किया, वहीं सदन के बाहर भी बसपा और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर तीखे वार किए।
भाजपा की प्रदेश इकाई के प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने सूबे की सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री कानून-व्यवस्था की समीक्षा करने के बजाए अपने पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के व्यवहार की समीक्षा करें। पाठक ने कहा कि सपा के कार्यकर्ता और पदाधिकारी आए दिन सूबे की कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती बन रहे हैं। यही वजह है कि सूबे में हर 13 घंटे के भीतर एक दुर्व्यवहार और हर 12 दिन के भीतर एक दंगे की स्थिति पैदा हो रही है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से आग्रह है कि वह अपनी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं और इसी नाते अपने पदाधिकारियों पर अंकुश लगाने की कोशिश करें, जिससे आम जनता के बीच कानून का इकबाल पैदा हो सके। दूसरी ओर बसपा नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने सूबे में बिगड़ती कानून-व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री को कटघरे में खड़ा किया। सिद्दीकी ने कहा कि मुख्यमंत्री आज भी कैबिनेट के साथ सूबे में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर समीक्षा कर रहे हैं। हमें खुशी है कि वह रोज इसकी समीक्षा करें, लेकिन सबसे रोचक बात यह है कि क्या उनकी समीक्षा का लाभ जनता के बीच मिलता दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि सूबे में सपा के एक पूर्व सांसद द्वारा एक युवती के साथ किए गए दुर्व्यवहार के बाद उन्हें नैतिक तौर पर अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। (एजेंसी)
First Published: Monday, March 18, 2013, 14:10