Last Updated: Monday, September 17, 2012, 20:03
मुम्बई: बम्बई हाईकोर्ट ने वर्ष 2007 के पुणे बीपीओ की एक कर्मचारी ज्योतिकुमारी चौधरी की बलात्कार के बाद हत्या के मामले में सोमवार को दो लोगों को निचली अदालत द्वारा सुनाई गई मौत की सजा बरकरार रखी। नवम्बर 2007 में दफ्तर का कैब चालक पुरुषोत्तम बोराटे और उसका एक साथी प्रदीप कोकाटे रात की शिफ्ट में काम करने के लिए 22 वर्षीया ज्योतिकुमारी को उसके घर से लाने गया था। रास्ते में दोनों ने बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर दी थी।
ज्योति का शव एक दिन बाद पुणे के बाहरी इलाके वडगांव में मुम्बई-पुणे एक्सप्रेसवे के किनारे पड़ा मिला था।
वारदात में शामिल ये दोनों एक लॉजिस्टक्स कम्पनी में काम करते थे। ये कॉल सेंटर को वाहनों की आपूर्ति किया करते थे। (एजेंसी)
First Published: Monday, September 17, 2012, 20:03