Last Updated: Thursday, September 6, 2012, 14:25
जाजपुर : ओडिशा के जाजपुर जिले में विश्व प्रसिद्ध ललितगिरि बौद्ध स्थल के नजदीक स्थित केशरायपुर-हतीखोल गांव में गौतम बुद्ध की एक प्राचीन प्रतिमा और एक बुद्ध विहार (मठ) के भग्नावशेष मिले हैं। जानेमाने बौद्ध शोधकर्ता हरिश्चंद्र परूस्ती ने बताया कि तीन दिन पहले जब श्रमिक एक नाली बनाने के वास्ते जमीन की खुदाई कर रहे थे, तब इसका पता चला।
इस जगह से मिली प्रतिमा में बुद्ध ध्यान की अवस्था में बैठे हुए हैं। प्रतिमा संभवत: गुप्त काल से पहले की है। यहां से प्राचीन काल का एक कटोरा, टोटी वाला एक लोटा और टूटे हुए मिट्टी के बर्तन मिले हैं। परूस्ती ने बताया कि पत्थर की बनी बुद्ध की प्रतिमा को भूरीसप्त पद्मपाणि बुलाया जाता है जिसे भगवान बुद्ध का अवतार माना जाता है। यह प्रतिमा खोंडोलाइट पत्थर की बनी हुई है और इसकी लंबाई और चौड़ाई क्रमश: तीन फुट दो इंच और दो फुट एक इंच है। प्रतिमा का एक हाथ आशीर्वाद की मुद्रा में उपर उठा हुआ है और दूसरे हाथ में एक कमल है।
इस प्रतिमा के अलावा केशरायपुर-हतीखोल पहाड़ी के नजदीक एक बौद्धमठ के भी भग्नावशेष मिले हैं। उन्होंने बताया कि इस मठ की लंबाई चौड़ाई 30 गुणा 30 मीटर है, जिसमें 10 गुणा नौ फुट के चार कमरे बने हुए हैं। इसमें बड़े आकार का पत्थर लगा हुआ है। समझा जाता है कि भुमाकारा वंश के शासन काल में आठवीं सदी में इस बौद्ध मठ का निर्माण और आठवीं से ग्यारवीं सदी के बीच इसका विस्तार किया गया। उन्होंने बताया कि यहां अगर सही ढंग से उत्खनन का कार्य किया जाए तो कई ऐतिहासिक तथ्य मिल सकते हैं। जिलाधीश अनिल कुमार समाल ने कहा कि जिला प्रशासन जरूरी उत्खनन और संरक्षण कार्य कराएगा। (एजेंसी)
First Published: Thursday, September 6, 2012, 14:25