Last Updated: Friday, September 6, 2013, 20:22
बेंगलुरु : त्वरित अदालत ने पिछले साल अक्तूबर में यहां नेपाल की रहने वाली नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी की 21 वर्षीय छात्रा के सामूहिक बलात्कार के मामले में आज छह लोगों को दोषी ठहराया। अदालत ने इस मामले को 13 सुनवाइयों में निबटाकर रिकार्ड बनाया है।
दीवानी एवं सत्र अदालत के न्यायाधीश केबी संगाननावर ने सजा सुनाते हुए कहा कि इस तरह के अपराधों से उच्चतम न्यायालय के सिद्धांतों के अनुसार ऐसी सजा देकर निबटा जाना चाहिए जो उदाहरण पेश करें। अदालत ने इन आरोपियों को चार सितंबर को अपहरण, सामूहिक बलात्कार, डकैती सहित सभी आरोपों में दोषी ठहराया था और आज सजा सुनाई गई।
दोषियों को सामूहिक बलात्कार के लिए आईपीसी की धारा 376 2जी के तहत सजा सुनाई गई। पुलिस ने इस साल अगस्त में आरोप पत्र दायर किया था। दोषियों को आईपीसी की धारा 323 (चोट पहुंचाने) के तहत अपराध के लिए एक साल की जबकि धारा 324 (खतरनाक हथियारों या तरीकों से चोट पहुंचाने) के लिए तीन साल की सजा हुई।
अदालत ने कर्नाटक के आपराधिक चोट मुआवजा बोर्ड को पीड़ित को अपराधियों द्वारा यौन शोषण करके दिये गये सदमे को ध्यान में रखकर उसे मुआवजा देने का निर्देश दिया। लोक अभियोजक एसवी भट्ट ने कहा कि चूंकि अपराध अक्तूबर 2012 में हुआ, इस मामले में महिलाओं पर यौन हमले से संबंधित नये संशोधनों को लगाया नहीं जा सकता।
उन्होंने कहा, ‘यह फैसला जांच एजेंसी द्वारा दायर आरोप पत्र पर सुनाया गया।’ विधि छात्रा का पिछले साल अक्तूबर में एनएलएसआईयू से सटे बेंगलुरु विश्वविद्यालय के ज्ञानभारती परिसर के अंदर आठ लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया था। घटना के समय पीड़ित अपने पुरूष मित्र के साथ थी। सातवां आरोपी राजा अब भी फरार है। आठवां आरोपी नाबालिग है जिसकी सुनवाई बेंगलूर की किशोर अदालत में चल रही है। (एजेंसी)
First Published: Friday, September 6, 2013, 20:22