Last Updated: Monday, November 19, 2012, 21:07

ज़ी न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली : दक्षिणी दिल्ली के छतरपुर स्थित एक फार्म हाउस में शराब कारोबारी पोंटी चड्ढा और उसके भाई हरदीप चड्ढा की मौत के बाद अब सबसे बड़ा सवाल यह पैदा हो गया है कि उसके हजारों करोड़ रुपये के व्यावसायिक कारोबार को कौन संभालेगा। सूत्रों के अनुसार, पोंटी का बेटा मोंटी चड्ढा कंपनी के वेव ग्रुप की कमान संभाल सकता है। पोंटी की बीते समय से यह चाहत थी कि उनका बेटा अब कारोबार संभाले। उधर, दोनों भाइयों की मौत की गुत्थी अब और उलझती जा रही है। इस डबल मर्डर की जांच में जुटी दिल्ली पुलिस के समक्ष अब भी कई अनसुलझे सवाल बने हुए हैं। इस बीच, एक रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष के गार्ड ने हरदीप को गोली मारी थी। गार्ड के पास कुल 25 राउंड गोलियां थी।
गौर हो कि पुलिस ने शराब कारोबारी पांटी चड्ढा के पहले पोस्टमार्टम के गड़बड़ी पाए जाने के बाद उसका दोबारा पोस्टमार्टम करवाया। पुलिस को यह कदम इसलिए उठाना पड़ा क्योंकि पहले पोस्टमार्टम के बाद यह बात सामने आई कि उसके शव में तीन और गोलियां अंदर रह गई। वहीं, वारदात के समय फॉर्महाउस में एक लैंड क्रूजर कार को लेकर भी पड़ताल जारी है। सोमवार को फोरेंसिक एक्सपर्ट की एक टीम छतरपुर स्थित फॉम हाऊस पहुंची और सुरागों को खंगाला।
गौर हो कि पोंटी के शरीर में गोलियों के कुल 15 घाव थे। शराब कारोबारी की अंत्येष्टि उसके भाई हरदीप के साथ रविवार रात लोदी गार्डन श्मशान में की गई। पांटी का दूसरा पोस्टमार्टम एम्स में किया गया जिसमें उसके शव से तीन गोलियां बाहर निकाली गईं। हरदीप के शरीर में गोलियों के चार घाव थे लेकिन शरीर के अंदर कोई गोली नहीं पाई गई।
छतरपुर में रविवार को उस समय नाटकीय स्थिति देखने को मिली जब पुलिस उसका शव लेने के लिए दोबारा वहां गई। इसके चलते उसके अंतिम संस्कार में विलंब हुआ जो पहले शाम साढ़े चार बजे किया जाना था।
उधर, चड्ढ़ा भाइयों की मौत के बाद यह सवाल खड़ा हो गया है कि उसके हजारों करोड़ रुपये के बिजनेस अम्पायर को कौन संभालेगा। ज्ञात हो कि पोंटी का कारोबार काफी बड़ा है। यह शराब, रियल एस्टेट, पेपर मिल्स, सुगर मिल्स तथा बॉटलिंग प्लांट्स के व्यवसाय तक फैला है जिसका टर्नओवर 2,500 करोड़ रुपये है। ज्यादातार कारोबार उत्तरप्रदेश व पंजाब में फैला है। उत्तराखंड के रामनगर में पोंटी के पिता कुलवंत सिंह ने 1960 के दशक में शराब की दुकान खोलने के साथ ही अपने व्यवसाय की शुरुआत की थी। इसके बाद उत्तर प्रदेश में ही सुगर क्रेशर शुरू किया। पिछले 15 सालों में पोंटी ने अपना कारोबारा फैलाया तथा वे शराब व रियल एस्टेट के सबसे बड़े कारोबारियों में गिने जाने लगे। पॉन्टी की मौत के बाद न सिर्फ उसकी विरासत को लेकर बल्कि उसके कई प्रोजेक्ट पर अचानक काम बंद हो जाने से निवेशकों की धड़कनें तेज हो गई हैं। उसकी मौत के बाद के सवालों को लेकर निवेशकों को कई तरह की चिंताएं सताने लगी हैं।
पोंटी 30 वर्षीय बेटे मनप्रीत उर्फ मोंटी फिलहाल कंपनी के जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर हैं जबकि उनके चाचा राजेंदर चड्ढा कंपनी में एमडी हैं। पोंटी की कंपनी के चेयरमैन पद के लिए यदि देखा जाए तो अनुभव के आधार पर राजेंद्र ही सबसे प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। लेकिन पोंटी पिछले एक साल से अपने बेटे को कंपनी के चेयरमैन की तरह पेश करने की कोशिश कर रहे थे। अब यदि मॉन्टी को कंपनी का चेयरमेन बना भी दिया जाता है तो भी उसके सामने चुनौतियां कम नहीं होंगी।
पोंटी की वेव कंपनी के कारण उनकी कंपनी का टर्नओवर 2500 करोड़ रुपये तक जा पहुंचा लेकिन अन्य कारोबार भी परवान चढ़ा। रियल एस्टेट बिजनेस भी 10,000 करोड़ रुपये का आंका जाता है जो कि ज्यादातर उत्तरप्रदेश में फैला है। 2011 के आंकड़ों के अनुसार पोंटी शराब के व्यवसाय मे उत्तर प्रदेश में अकेले थोक विक्रेता थे। उनका यह कारोबार 14,000 करोड़ रुपये का आंका जाता है। पोंटी की एक कंपनी के पास उत्तर प्रदेश में बाल विकास योजना के तहत मिडडे मील की आपूर्ति का भी ठेका है। यह सब मिलाकर पोंटी का बिजनेस करीब 25000 करोड़ रुपये का है।
पोंटी के राजनीतिक संपर्क भी बहुत अच्छे थे। वे बसपा प्रमुख मायावती,सपा प्रमुख मुलायम सिंह व पंजाब में बादल परिवार के करीबी माने जाते थे। पोंटी का बिजनेस परिवार ही चलाता था। इसमें उनके भाई हरदीप व राजिंदर व उनका बेटा मनप्रीत मदद करते थे। अब दो भाइयों की मौत के बाद यह ग्रुप राजिंदर व मनप्रीत के हाथों में है। मनप्रीत रियल एस्टेट का कारोबार संभाल रहा है। हालांकि इस बिजनेस अंपायर को संभालना किसी के लिए भी आसान नहीं होगा। गत फरवरी में इनकम टैक्स विभाग ने पोंटी के देशभर में ठिकानों पर छापे मारे थे।
गौर हो कि दक्षिणी दिल्ली के छतरपुर स्थित एक फार्म हाउस में पांटी और हरदीप मारे गए थे। दोनों पक्षों की ओर से कथित तौर पर गोलियां चलाए जाने के बाद शनिवार को दोनों की मौत हो गई। दोनों भाई के बीच संपत्ति के स्वामित्व को लेकर विवाद था। (एजेंसी)
First Published: Monday, November 19, 2012, 15:08