Last Updated: Sunday, January 6, 2013, 13:06
नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने पांच वर्षीय पुत्री के साथ अश्लील हरकतें करने वाले पिता को दो साल की कैद की सजा सुनायी है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश निशा सक्सेना ने अभियुक्त परशुराम को अपनी पुत्री का शील भंग करने का दोषी ठहराते हुये उसे दो साल की कैद और पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनायी।
अदालत ने कहा कि इस मामले में पिता ही रक्षक की बजाये भक्षक बन गया। अदालत ने कहा कि अभियुक्त ने अपनी ही पांच साल की बेटी को कथित रूप से अपनी वासना का शिकार बनाकर ऐसा घिनौना अपराध किया है जो इस बच्ची के दिलो दिमाग को लंबे समय तक मनोवैज्ञानिक आघात पहुंचायेगा।
इस्तगासा के अनुसार उत्तर पूर्वी दिल्ली के करावल नगर निवासी परशुराम और उसकी पत्नी के बीच झगड़ा होने के कारण बच्ची की मां अपने मायके चली गयी थी। इस दौरान जून 2010 में परशुराम ने अपनी बेटी के साथ कई बार बलात्कार किया।
इस्तगासा के अनुसार पत्नी की अनुपस्थिति में परशुराम बेटी को अपने पास सुलाता था और फिर उसके साथ बलात्कार करता था। इस बच्ची ने मां के वापस आने पर उसे इसकी जानकारी दी तो उसने पुलिस में मामला दर्ज कराया।
अभियुक्त के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज किया गया था लेकिन अदालत ने उसे छेड़छाड़ के जुर्म में ही दोषी ठहराया क्योंकि बलात्कार का आरोप सिद्ध नहीं हो सका था।
अदालत ने नरमी बरतने का मुजरिम का आग्रह ठुकराते हुये कहा कि इस मामले में बच्ची के जैविक पिता ने ही अपनी पांच साल की पुत्री का शीलभंग किया है। रक्षक ही भक्षक बन गया। इसलिए इस मुजरिम के साथ किसी प्रकार की नरमी नहीं बरती जा सकती। (एजेंसी)
First Published: Sunday, January 6, 2013, 13:06