Last Updated: Tuesday, February 26, 2013, 17:17
नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने नौ साल की अपनी सगी बेटी से बलात्कार और गुदा मैथुन करने के जुर्म में एक पिता को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए कहा कि बेटियों की पूजा की जाती है बलात्कार नहीं।
महिला विरोधी यौन अपराधों के मामलों की सुनवाई करने वाली एक त्वरित अदालत ने कहा कि पिता होने के नाते अभियुक्त का अपराध अत्यंत गंभीर और बर्बर प्रकृति का है।
अदालत ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि बलात्कारी पिता को कम से कम 20 साल जेल में काटने पड़ेंगे तभी उसे सजा में किसी तरह की ढिलाई मिल सकेगी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वीरेन्दर भट ने अभियुक्त पर 60 हजार रूपये का जुर्माना लगाते हुए कहा, ‘‘मौजदा अपराध से ज्यादा वीभत्स और भयंकर कोई अपराध नहीं है और किसी व्यक्ति के लिए अपनी सगी बेटी से दुष्कर्म करने से शर्मनाक और घृणित कोई अन्य अपराध नहीं है।
अदालत ने कहा, ‘‘घरों में बेटियां माता लक्ष्मी का अवतार मानी जाती हैं। हिंदू धर्म हमें बेटी की पूजा देवी लक्ष्मी की अभिव्यक्ति के रूप में करने का आदेश देता है। हिंदुओं में नवरात्र के अंतिम दिन छोटी लड़कियों की पूजा करने की परंपरा है जो कंजक पूजा कहलाती है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, February 26, 2013, 17:17