Last Updated: Friday, September 14, 2012, 23:41

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने स्वयंभू तांत्रिक निर्मल बाबा से कहा है कि वह अपने अनुयायियों को बेतुका उपाय नहीं बताएं। इसके साथ ही अदालत ने एक हिंदी मीडिया पोर्टल को उनके खिलाफ कोई अपमानजनक सामग्री प्रकाशित करने पर रोक लगा दी है।
न्यायमूर्ति कैलाश गंभीर ने 22 पृष्ठों के आदेश में बाबा के खिलाफ तीखी टिप्पणी की। बाबा ने अनुरोध किया था कि एक हिंदी पोर्टल को उनके खिलाफ कथित अपमानजनक सामग्री प्रकाशित नहीं करने का निर्देश दिया जाए। बाबा पर आरोप है कि वह अपने अनुयायियों को मुश्किलों से निजात पाने के लिए बेतुका हल बताते थे।
अदालत ने वेबसाइट पर सशर्त रोक लगाते हुए कहा कि मानहानि याचिका दायर करना बाबा का अधिकार है लेकिन इसे प्रेस की आजादी को नष्ट करने के लिए घातक हथियार बनाने की अनुमत नहीं दी जा सकती।
अदालत ने बचाव पक्ष (एक हिंदी पोर्टल) पर वादी बाबा के खिलाफ कोई अपमानजनक सामग्री प्रकाशित, लिखने पर रोक लगा दी। अदालत ने बाबा से भी कहा कि वह भविष्य में अपने अनुयायियों को कोई बेतुका उपाय नहीं सुझाएंगे।
अदालत ने इस बात पर आपत्ति जतायी कि लोगों को समस्याओं से निजात पाने के लिए उन्होंने रबड़ी, मसाला डोसा या पानी पूरी खाने जैसी सलाह दी। (एजेंसी)
First Published: Friday, September 14, 2012, 23:41