बेमियादी बंद से पहले दार्जिलिंग में हिंसा, ट्रेड यूनियन नेता की हत्या

बेमियादी बंद से पहले दार्जिलिंग में हिंसा, ट्रेड यूनियन नेता की हत्या

बेमियादी बंद से पहले दार्जिलिंग में हिंसा, ट्रेड यूनियन नेता की हत्यादार्जिलिंग : तेलंगाना की तरह अलग गोरखालैंड की मांग के लिए गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) की ओर से शनिवार से घोषित बेमियादी बंद से एक दिन पहले शुक्रवार को दार्जिलिंग में आगजनी की घटनाओं के बीच होमगार्ड के एक जवान को आग के हवाले कर दिया गया और जीजेएम ट्रेड यूनियन के एक नेता की हत्या कर दी गयी।

पुलिस सूत्रों ने कहा कि ‘उपद्रवियों’ ने होमगार्ड के एक जवान को प्रक्रियातोंग में आग के हवाले कर दिया । जख्मी जवान को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यहां से आठ किलोमीटर दूर हेबोंग में पाया गया कि जीजेएम ट्रेड यूनियन के नेता सूरज तमांग की हत्या कर दी गयी थी। पुलिस सूत्रों ने आज कहा कि तमांग के शरीर पर कई जख्म थे और उन्हें संभवत: कल रात मारा गया। सूत्रों ने बताया कि पोस्टमॉर्टम के बाद ही मौत के सही कारण का पता चल सकेगा। जीजेएम नेतृत्व ने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस ने तमांग की हत्या करायी है।

सूत्रों के मुताबिक, तकढ़ा में एक बंगले को भी कल रात आग के हवाले कर दिया गया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस साल 9 जनवरी को दार्जिलिंग के दौरे पर आयी थीं तो वह इसी बंगले में ठहरी थीं। उन्होंने कहा कि मोंगपो में एक ट्रक और एक एसयूवी को जला दिया गया जबकि रंगलिरंगलियत और रंगामांचा में पुलिस बूथों को भी तहस-नहस कर दिया गया।

छह सदस्यीय टीम की अगुवाई करते हुए दिल्ली रवाना हुए जीजेएम के महासचिव रोशन गिरि ने प्रस्थान करने से पहले संवाददाताओं से कहा कि आगजनी की घटनाओं के लिए जीजेएम जिम्मेदारी नहीं है बल्कि हिल्स की विपक्षी पार्टियां इसकी कसूरवार हैं। गिरि ने कहा कि बेमियादी बंद में एक-दो दिन की ढील दी जा सकती है जिसके लिए जीजेएम अध्यक्ष विमल गुरूंग से संपर्क किया जाएगा।

दार्जिलिंग के पुलिस अधीक्षक कुणाल अग्रवाल ने कहा कि सीआरपीएफ की एक कंपनी कल आयी थी और चार अतिरिक्त कंपनियां आने वाली हैं। सीआरपीएफ के अलावा, इंडियन रिजर्व फोर्स की दो कंपनियां, दंगा नियंत्रण पुलिस की पांच कंपनियां और रैपिड एक्शन फोर्स की सात कंपनियां हिल्स में तैनात की गयी हैं।

इस बीच, सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया कि तेलंगाना राज्य के गठन के फैसले के बाद केंद्र ने दार्जिलिंग में मुश्किलें बढ़ायीं। पार्टी ने दोहराया कि पश्चिम बंगाल के विभाजन का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता। तृणमूल कांग्रेस के महासचिव मुकुल रॉय ने सिलिगुड़ी में संवाददाताओं से कहा, ‘राजनीतिक उद्देश्य के लिए केंद्र इसे उकसा रहा है जो अनुचित और नैतिक मूल्यों के खिलाफ है।’ (एजेंसी)

First Published: Friday, August 2, 2013, 22:45

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