बोधगया सीरियल ब्‍लास्‍ट: अभी तक कोई सुराग नहीं, NIA संभालेगी जांच का जिम्‍मा । Bodh Gaya serial blasts: No leads yet, NIA may take over probe

बोधगया सीरियल ब्‍लास्‍ट: अभी तक कोई सुराग नहीं, NIA संभालेगी जांच का जिम्‍मा

बोधगया सीरियल ब्‍लास्‍ट: अभी तक कोई सुराग नहीं, NIA संभालेगी जांच का जिम्‍मा ज़ी मीडिया ब्‍यूरो

गया: बौद्धधर्मावलंबियों के पावन स्थल बोधगया में सीरियल ब्‍लास्‍ट के दो दिन बाद भी जांच में जुटी बिहार पुलिस को अब तक कोई ठोस सुराग व कामयाबी हाथ नहीं लगी है। अब इस बात की संभावना है कि जांच का जिम्‍मा अब राष्‍ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपी जाएगी।

एक रिपोर्ट के अनुसार, यदि बिहार में जांच दल को कोई ठोस सबूत हाथ नहीं लगता है तो इस ब्‍लास्‍ट की जांच का जिम्‍मा एनआईए के हवाले किया जा सकता है। बिहार पुलिस ने सोमवार को दावा किया था कि उसने एक व्‍यक्ति को महाबोधि मंदिर धमाकों के सिलसिले में गिरफ्तार किया है।

इससे पहले, प्रशासन ने महाबोधि मंदिर एवं उसके आसपास के क्षेत्रों में हुए इन श्रंखलबाबद्ध बम धमाकों के सीसीटीवी फुटेज जारी किए। जानकारी के अनुसार, एनआईए ने कुछ फुटेज को मांगा है, जिसे वह अपने स्‍तर पर खंगालेगी।

महाबोधि मंदिर परिसर को निशाना बनाकर किए गए विस्फोटों में इस्तेमाल बमों में अमोनियम नाइट्रेट और सल्फर का मिश्रण था तथा इन्हें बड़ी सफाई से छोटे सिलेंडरों में लगाया गया था। घटना की शुरुआती जांच में यह बात निकल कर सामने आई है। विस्फोट स्थल से नमूने एकत्र करने वाली राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) की एक टीम ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक रिपेार्ट भेजी है, जिसमें बताया गया है कि आईईडी जैसे कम तीव्रता वाले बमों का इस्तेमाल टाइमर के जरिए किया गया।

एनएसजी के विस्फोटों के बाद के विश्लेषण में यह भी कहा गया है कि अमोनियम नाइट्रेट, सल्फर आर पोटेशियम में कुछ छर्रे भी मिलाए गए थे ताकि मंदिर परिसर में विभिन्न स्थानों पर नुकसान किया जा सके। विस्फोटक छोटे सिलेंडरों में रखे गए थे जिनका वाणिज्यिक इस्तेमाल होता है। एनएसजी टीम इलाके से और नमूने एकत्र करने के बाद ही लौटेगी।

एनआईए, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) और अन्य एजेंसियां सिलसिलेवार बम धमाकों में बारे में सुराग ढूंढने में जुटी हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य सरकार इस बात का प्रस्ताव केंद्र को देगी कि वह केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) को इस धर्मस्थल की सुरक्षा संभालने के लिए कहे। एनएसजी ने यहां से नमूने जुटाए और केंद्रीय गृह मंत्रालय को अपनी प्राथमिक रिपोर्ट भेजी है। उसका कहना है कि विस्फोटक कम क्षमता वाले बम की तरह के थे और एनालॉग क्लॉक टाइमर से उनमें धमाके कराए गए। एनएसजी की रिपोर्ट के मुताबिक बम में अमोनियम नाइट्रेट और सल्फर का इस्तेमाल किया गया था और उन्हें छोटे सिलेंडरों में पैक किया गया था।

First Published: Tuesday, July 9, 2013, 09:39

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