Last Updated: Wednesday, January 11, 2012, 15:22
जोधपुर : राजस्थान की नर्स भंवरी देवी के शव को ठिकाने लगाने के आरोपों में गिरफ्तार ओमप्रकाश बिश्नोई ने बुधवार को मजिस्ट्रेट के समक्ष अपना बयान दर्ज कराने से इनकार दिया। ओमप्रकाश का बयान दर्ज न कराना केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के लिए एक झटका माना जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि ओमप्रकाश ने जांच एजेंसी की एक टीम को जालोड़ा गांव के समीप उस स्थान पर ले गया जहां कथित रूप से भंवरी के शव को जलाया गया था।
इसके बाद सीबीआई और केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) की टीम को जालोड़ा के समीप एक गड्ढे और नहर से दो बंदूकें, बंदूकों का एक बैग, एक बल्ला, हड्डियों के कुछ टुकड़े, जला हुआ मोबाइल फोन, एक लॉकेट, घड़ी, बाली और कंगन मिले थे।
भंवरी के पुत्र साहिल ने बरामद चीजों में से कुछ की शिनाख्त की और बताया कि इनमें से कुछ वस्तुएं उसकी मां की हैं। सीबीआई से जुड़े सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसी ओमप्रकाश का बयान अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा-164 के तहत दर्ज कराना चाहती थी। बयान दर्ज हो जाने पर इस बात की पुष्टि हो जाती कि ओमप्रकाश जांच एजेंसी को घटनास्थल पर ले गया था।
सूत्रों ने बताया कि एक बंद कमरे में मजिस्ट्रेट के समक्ष ओमप्रकाश को लाया गया लेकिन उसने अपना बयान दर्ज कराने से इनकार दिया। ओमप्रकाश का बयान दर्ज न होना सीबीआई के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है क्योंकि मामले में ओमप्रकाश की भूमिका काफी अहम है। ज्ञात हो कि ओमप्रकाश बिशनाराम बिश्नोई का भाई है और बिशनाराम को पिछले सप्ताह महाराष्ट्र के पुणे में गिरफ्तार किया गया।
शहाबुद्दीन, सोहन लाल और बलदेव जाट उर्फ बलिआ पर आरोप है कि इन्होंने गत एक सितंबर को बिलाड़ा से भंवरी का अपहरण करने के बाद उसकी हत्या कर दी और उसके बाद तीनों आरोपियों ने भंवरी के शव को बिशनाराम बिश्नोई के गिरोह को सौंप दिया। बिशनाराम पर आरोप है कि उसने भंवरी के शव को जलाने के बाद शव के अवशेषों को एक नहर में फेंक दिया।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, January 11, 2012, 20:52