Last Updated: Monday, April 16, 2012, 12:01
जोधपुर : सीबीआई अदालत ने सोमवार को इंदिरा विश्नोई को भगोड़ा घोषित कर दिया है। वह भंवरी देवी हत्या एवं अपहरण मामले में साजिशकर्ता और एक मुख्य आरोपी है। विश्नोई पिछले पांच महीने से फरार है और सीबीआई के प्रयासों के बावजूद उनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पायी है।
सीबीआई विश्नोई के बारे में विश्वसनीय सूचना देने वाले को पांच लाख रूपये नकद पुरस्कार देने की घोषणा की थी। इसके बाद एजेंसी ने सीबीआई अदालत में एक याचिका दायर कर विश्नोई को भगोड़ा घोषित कर दिया। सीबीआई ने कहा कि इंदिरा विश्नोई लगातार जांच और गिरफ्तारी से बचने का प्रयास करती रही है। विशेष लोक अभियोजक एस एस यादव ने कहा कि उन्हें (विश्नोई) पूरी घटना की जानकारी है लेकिन इसके बावजूद वह जांच कार्य में सहयोग नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि सीआरपीसी की धारा 82 (4) और आईपीसी की धारा 174 ए के तहत उन्हें अधिकतम सात वर्ष की सजा सुनाई जा सकती है।
सीबीआई ने पुलिस के समक्ष इंदिरा विश्नोई के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी और उच्च न्यायालय में अवमानना की याचिका दायर की थी। इस पर अभी सुनवाई होनी है। दूसरी ओर, भाजपा से अलग हुए नेता और भंवरी देवी मामले में नये संदिग्ध शंभू सिंह खेतासर ने उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर कर सीबीआई पर बिना नोटिस जारी किये गलत तरीके से उन्हें बुलाने का आरोप लगाया।
खेतासर के वकील ने पी एस भाटी ने कहा कि आरोपपत्र दायर किये बिना और इस मामलों में आरोपी की पहचान किए बिना खेतासर से अवैध तरीके से पूछाताछ की जा रही है। भाटी ने कहा कि महिपाल मदेरणा के राजनीतिक प्रतिद्वन्द्वी होने के आधार पर उन्हें (खेतासर को) निशाना बनाया जा रहा है। सीबीआई ने खेतासर को बिना नोटिस दिए 12 अप्रैल को बुलाया था।
(एजेंसी)
First Published: Monday, April 16, 2012, 17:31