Last Updated: Monday, July 2, 2012, 21:37
नई दिल्ली : बहुचर्चित भंवरी देवी हत्याकांड का मुकदमा दिल्ली की अदालत में स्थानांतरित करने के लिए दायर याचिका पर उच्चतम न्यायलय ने राजस्थान सरकार और केन्द्रीय जांच ब्यूरो से जवाब तलब किया है।
न्यायमूर्ति तीरथ सिंह ठाकुर और न्यायमूर्ति एफएम इब्राहिम कलीफुल्ला की खंडपीठ ने भंवरी देवी की बहन इन्दिरा सोलंकी की याचिका पर संक्षिप्त सुनवाई के बाद राज्य सरकार और सीबीआई के साथ ही सभी 17 अभियुक्तों से भी जवाब तलब किये हैं। भंवरी देवी की बहन इन्दिरा सोलंकी चाहती है कि इस मुकदमे की सुनवाई राजस्थान से बाहर दिल्ली या किसी अन्य राज्य की अदालत में करायी जाए।
वरिष्ठ अधिवक्ता कॉलिन गोन्साल्वेज का कहना था कि कई ताकतवर और प्रभावशाली नेता इस मुकदमे में अभियुक्त हैं जिसकी वजह से राज्य में इसकी निष्पक्ष और स्वतंत्र तरीके से सुनवाई संभव नहीं है।
जोधपुर के निकट रहने वाली भंवरी देवी नर्स पिछले साल सितंबर में अपने घर से गायब हो गयी थी। चार महीने बाद पुलिस के गोताखोरों ने जोधपुर से करीब सौ किलोमीटर दूर एक नहर से उसके अवशेष ढूंढ निकाले थे।
कहते हैं कि 36 वर्षीय भंवरी देवी के राज्य के पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा सहित कई नेताओं से निकट के संबंध थे और वह एक सीडी के कारण इस नेता को ब्लैकमेल कर रही थी। भंवरी देवी के संदिग्ध परिस्थितियों में गायब होने की घटना के तूल पकड़ने पर मदेरणा को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
इन्दिरा सोलंकी ने स्थानांतरण याचिका में कहा है कि राजनीतिक संरक्षण का अनुमान इसी तथ्य से लगाया जा सकता है कि जब गिरफ्तारी से बचने के लिए अभियुक्त एक अस्पताल में भर्ती हो गए तो राज्य के मुख्यमंत्री खुद उनसे मिलने अस्पताल पहुंचे थे। याचिका के अनुसार इससे स्पष्ट है कि राज्य में इस मुकदमे की स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से सुनवाई नहीं हो सकती है। इसलिए इस मामले को दिल्ली या किसी अन्य राज्य की अदालत में स्थानांतरित कर दिया जाए। (एजेंसी)
First Published: Monday, July 2, 2012, 21:37