Last Updated: Monday, January 16, 2012, 16:05
अहमदाबाद : विशेष जांच दल (एसआईटी) ने निलंबित आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट से कहा है कि वह राज्य खुफिया ब्यूरो के उस अलर्ट मैसेज की मूल प्रति पेश करें जिसे उन्होंने 2002 में मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई विवादित बैठक के बाद जारी किया था।
एसआईटी ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 91 के तहत 13 जनवरी को एक नोटिस जारी कर भट्ट को अलर्ट फैक्स संदेश की मूल प्रति या कार्यालय प्रति पेश करने को कहा था। भट्ट ने चार जनवरी को नानावती आयोग को भेजे अपने पत्र में इसे संलग्न किया था।
इसके साथ भट्ट से कहा गया है कि वह अन्य ऐसे दस्तावेज या वायरलेस मैसेज, फैक्स मैसेज भी पेश करें जो गुलबर्ग दंगा मामले की जांच में प्रासंगिक हो। जांच अधिकारी हिमांशु शुक्ला ने नोटिस जारी किया है।
भट्ट ने एसआईटी प्रमुख आर के राघवन को रविवार को भेजे अपने जवाब में कहा कि यह नोटिस पूरी तरह से चौंकाने वाला है क्योंकि एसआईटी ने ऐसे दस्तावेज जमा करने को कहा है जिसे वह पहले ही उसके सदस्य एके मल्होत्रा को 2009 में और शुक्ला को 2011 में दे चुके हैं।
भट्ट के अनुसार राज्य खुफिया ब्यूरो के डीसीपी के रूप में उन्होंने 27 फरवरी 2002 को वह अलर्ट मैसेज जारी किया था। इसके पहले उन्होंने देर शाम मोदी द्वारा बुलायी गयी बैठक में भाग लिया था। भट्ट ने अपने जवाब में कहा कि जांच अधिकारी को राज्य खुफिया ब्यूरो, गांधीनगर और मैसेज प्राप्त करने वाले कार्यालयों से मूल प्रति या कार्यालय प्रति की मांग करनी चाहिए थी।
उन्होंने कहा कि हिमांशु शुक्ला का यह कदम एसआईटी के उद्देश्य और इरादे पर शक पैदा करता है। भट्ट ने कहा कि उन्होंने एसआईटी के समक्ष महत्वपूर्ण गवाहों की एक सूची पेश की थी जो उस बैठक में उनके शामिल होने की पुष्टि कर सकते हैं। (एजेंसी)
First Published: Monday, January 16, 2012, 21:35