Last Updated: Friday, December 23, 2011, 15:19
अहमदाबाद : गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को वर्ष 2002 के दंगे के नाटक का पात्र करार देते हुए निलंबित आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट ने आज फिर उस समय के कुछ रिकार्डों की मांग की।
दंगे की जांच कर रहे नानावती आयोग को भेजे पत्र में भट्ट ने पुलिस महानिदेशक, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, राज्य खुफिया ब्यूरो एवं दंगे के कुछ मामलों की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) के अध्यक्ष को यह निर्देश देने की मांग की कि वे उन्हें गोधरा अग्निकांड के बाद फैले दंगे के दौरान के कुछ रिकार्ड और एसआईटी के समक्ष दायर उनके बयान उपलब्ध कराएं।
भट्ट ने अपने पत्र में कहा है, ‘मेरा वास्तविक अनुरोध का राज्य सरकार ने स्वभाविक रूप से विरोध किया है और वह ऐसा करती रहेगा क्योंकि उसके अगुवा ऐसे मुख्यमंत्री हैं जो स्वयं 2002 के गुजरात नरसंहार में सबसे महत्वपूर्ण एवं गुनाहगार पात्र हैं।’ उन्होंने कहा कि समग्र हलफनामा दाखिल करने और प्रासंगिक दस्तावेज सबूत आयोग के रिकार्ड में लाने के लिए ये दस्तावेज आवश्यक हैं। उनका कहना था कि मोदी की भूमिका स्पष्ट करने वाले कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज आयोग के समक्ष नहीं आ पाए हैं। 15 दिसंबर को भी भट्ट ने ऐसा ही पत्र आयोग को लिखा था।
(एजेंसी)
First Published: Friday, December 23, 2011, 20:49