Last Updated: Saturday, January 28, 2012, 16:08
अहमदाबाद : निलंबित आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट ने वर्ष 2002 गुजरात दंगों की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) के प्रमुख आर के राघवन को आज कुछ दस्तावेज सौंपे। इन दस्तावेजों के साथ एक पत्र भी सौंपा गया जिसमें दावा किया गया कि उन्होंने हिंसा के शुरूआती 48 घंटों में पुलिस की निष्क्रियता को साबित किया है।
भट्ट ने पत्र में लिखा कि कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों की प्रतियां प्राप्त कीजिये जिससे आप आश्वस्त होने चाहिए कि कुछ अस्पष्ट कारणों से अहमदाबाद शहर पुलिस ने 27 फरवरी 2002 को एहतियातन गिरफ्तारी में शिथिलता दिखाई जबकि 28 फरवरी को विहिप-भाजपा की ओर से आहूत गुजरात बंद में जवाबी हिंसा होने की पूरी आशंका थी। इसमें लिखा गया कि इन दस्तावेजों से आप इस बारे में भी आश्वस्त होंगे कि अहमदाबाद सहित गुजरात की प्रशासनिक इकाई और ज्यादातर पुलिस ने कर्फ्यू को लागू करने में देरी की।
पत्र में आरोप लगाया गया कि सेना की असरदार तैनाती में भी देरी की गई। भट्ट ने पत्र के जरिये कहा कि इन दस्तावेजों को सिर्फ इस उददेश्य से सौंपा जा रहा है कि एसआईटी से महत्वपूर्ण सबूतों छुपे नहीं रहें। भट्ट ने एसआईटी को अपराध दंड प्रक्रिया संहिता 1973 के प्रावधानों के तहत मजिस्ट्रेट के सामने अपने बयान दर्ज करने के आग्रह के बारे में याद दिलाया।
(एजेंसी)
First Published: Saturday, January 28, 2012, 21:38