Last Updated: Wednesday, May 9, 2012, 03:09
अहमदाबाद: गोधराकांड के बाद हुए दंगों में मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट देने वाली एसआईटी रिपोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त न्यायमित्र के इस निष्कर्ष को त्रुटिपूर्ण करार दिया कि मोदी को दंगे संबंधित कुछ अपराधों के लिये आरोपित किया जा सकता है ।
एसआइटी रिपोर्ट में कहा गया है कि न्यायमित्र ने निलंबित आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट के बयान पर पूरी तरह से विश्वास कर और यह निष्कर्ष निकालकर कि कुछ अपराधों के लिये मोदी को आरोपित किया जा सकता है, भूल की । सुप्रीम कोर्ट के वकील और न्यायमित्र राजू रामचंद्रन ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि मोदी पर विभिन्न अपराधों के लिये आईपीसी की धारा 153 ए (1) (ए) और (बी) के तहत उनके खिलाफ अभियोजन चलाया जा सकता है ।
एसआईटी की आज सार्वजनिक हुई रिपोर्ट में कहा गया है, ‘न्यायमित्र की सिफारिशे संजीव भट्ट के बयान पर पूरी तरह से आधारित हैं जिन्होंने 27-02-2002 (गोधरा कांड के दिन) की रात को मुख्यमंत्री के आवास पर आयोजित बैठक में शामिल होने का दावा किया था ।’
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, May 9, 2012, 08:40