Last Updated: Sunday, August 21, 2011, 07:43

एजेंसी। जमीन अधिग्रहण मामले में राजनीति का अखाड़ा बना उत्तर प्रदेश का भट्टा पारसौल गांव कांड में नया मोड़ आ गया है. महिला एवं बाल कल्याण मंत्री कृष्णा तीरथ के संसद में दिये बयान के विपरीत अनुसूचित जाति आयोग ने सात पीड़ित महिलाओं के हलफनामे और बयानों के आधार पर आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज करने के लिए कहा है.
एससी आयोग के अध्यक्ष पीएल पुनिया ने बताया कि भट्टा पारसौल की सात महिलाओं ने इस बात की पुष्टि की है कि उनके साथ बलात्कार हुआ था. आयोग ने नोएडा के एसएसपी को आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए कहा है.
आयोग ने 18 अगस्त को इस संबंध में पत्र जारी करके तीन अक्टूबर तक रिपोर्ट मांगी है. इससे पहले कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी और दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया था कि इस साल मई में पुलिस और ग्रामीणों के बीच हुई झड़पों के दौरान पुलिसकर्मियों ने भट्टा पारसौल गांव की महिलाओं से बलात्कार किया था, लेकिन तीरथ ने संसद में दिये बयान में कहा कि इन गांवों में महिलाओं के साथ बलात्कार की पुष्टि नहीं हुई.
नोएडा के एसएसपी ज्योति नारायण ने भी एससी आयोग से इस संबंध में पत्र मिलने की पुष्टि की और कहा कि जांच की जिम्मेदारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को सौंपी गई है.
इससे पहले मई में ग्रेटर नोएडा के भट्टा पारसौल का दौरा करने वाले राहुल गांधी के इस बयान से राजनीतिक भूचाल आ गया था कि इन गांवों की महिलाओं के साथ बलात्कार हुआ और लोगों को जिंदा जलाया गया. भूमि अधिग्रहण को लेकर पुलिस और ग्रामीणों के बीच झड़पों के बाद वहां स्थिति काफी तनावपूर्ण हो गया था.
इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था. इसके अलावा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी इन गांवों में बलात्कार की घटना को खारिज कर यूपी सरकार को क्लीन चिट दी थी.
First Published: Sunday, August 21, 2011, 15:05