भाजपा नेता कैलाशपति मिश्र पंचतत्व में विलीन

भाजपा नेता कैलाशपति मिश्र पंचतत्व में विलीन

पटना : भाजपा के वयोवृद्ध नेता और बिहार भाजपा के `भीष्म पितामह` माने जाने वाले कैलाशपति मिश्र रविवार को पटना में गंगा के दीघा घाट पर पंचतत्व में विलीन हो गए। उनके पौत्र शैलाश कुमार मिश्र उर्फ राजू ने उन्हें मुखग्नि दी।

मिश्र का पार्थिव शरीर रविवार शाम को विधानमंडल लाया गया। उसके बाद भाजपा के प्रदेश कार्यालय ले जाया गया, जहां भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने उनके अंतिम दर्शन किए। भाजपा के तमाम नेताओं ने मिश्र को अंतिम विदाई दी। मिश्र की अंतिम यात्रा में जनसैलाब उमड़ पड़ा। दीघा घाट पर वैदिक विधि-विधान और धार्मिक मंत्रों के बीच उनका अंतिम संस्कार किया गया।

इस मौके पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के अध्यक्ष रामविलास पासवान, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, सहित सत्ता पक्ष और विपक्ष के तमाम नेता उपस्थित थे। इससे पहले भाजपा के कई दिग्गज नेताओं ने मिश्र के आवास पर पहुंच उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी, अरुण जेटली और अनंत कुमार एक साथ दिल्ली से पटना हवाईअड्डे पर पहुंचकर सीधे मिश्र के पटना स्थित आवास पहुंचे और उनके पार्थिव शरीर पर श्रद्धासुमन अर्पित किए।

आडवाणी ने कहा, `मिश्र तपस्वी और सच्चे साधक थे। भाजपा अन्य पार्टियों के साथ मिलकर कई प्रदेशों में जो सरकार चला रही है, वह मिश्र जैसे लोगों की ही देन है। उन्होंने कहा कि उनके निधन से पूरे देश के भाजपा कार्यकर्ताओं में शोक है।` जेटली ने कहा कि समस्त बिहार, भाजपा और मिश्र के परिवार के लिए यह दुख की घड़ी है। उन्होंने कहा कि मिश्र जीवन भर आदर्श व्यक्तित्व रखने वाले व्यक्ति बने रहे। वह युवाओं के रोल मॉडल थे। वहीं अनंत कुमार ने कहा कि बिहार भाजपा के भीष्म पितामह रहे मिश्र हम सब के लिए जीवन भर प्रेरणा-स्रोत बने रहेंगे।

इससे पहले गुजरात के मुख्यमंत्री मोदी ने भी पटना पहुंचकर मिश्र के पार्थिव शरीर पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। मोदी ने कहा, `मिश्र जनसंघ और भाजपा की विकास यात्रा के चुनिंदा मील के पत्थरों में से एक थे। कैलशपति एक प्रेरणा का नाम है। हम जैसे लाखों कार्याकर्ताओं को मिश्र के जीवन और आचरण से प्रेरणा मिलती रहेगी।` उन्होंने कहा, `मेरा सौभाग्य है कि मुझे उनके साथ गुजरात में काम करने का मौका मिला। मिश्र ने गुजरात के राज्यपाल रहते हुए देश के सामने एक उदाहरण पेश किया कि संवैधानिक संस्थाओं की गरिमा कैसे बनाई जाती है। उन्होंने केंद्र और राज्य के बीच सेतु का काम किया।` मोदी ने परमात्मा से मिश्र की आत्मा को चिरशांति प्रदान करने की प्रार्थना की। भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद, सीपी ठाकुर, राजीव प्रताप रूढ़ी सहित राज्य के कई मंत्री मोदी के साथ थे।

इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी अधिकार रैली के मंच से श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि मिश्र के निधन से राजनीति में एक युग का अंत हो गया। उल्लेखनीय है कि 86 वर्षीय कैलाशपति मिश्र का निधन शनिवार को पटना में हो गया था। वह काफी दिनों से बीमार थे। वह आजीवन अविवाहित रहे। (एजेंसी)

First Published: Sunday, November 4, 2012, 23:14

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