Last Updated: Tuesday, March 26, 2013, 19:45
रायपुर : छत्तीसगढ़ के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद नंदकुमार साय पर उनकी बहू ने घर से निकालने, मारपीट करने और `टोनही` के नाम पर प्रताड़ित करने का गंभीर आरोप लगाया है। सामाजिक बैठक में आपसी सुलह न हो पाने के बाद यह विवाद सार्वजनिक हो गया है।
सांसद की बहू ने स्वयं मीडिया से मुखातिब होकर अपने साथ प्रताड़ना की बात कही है, जबकि सांसद साय ने प्रताड़ना से साफ इनकार किया है। राज्यसभा सांसद नंदकुमार साय की बहू हेमंती साय ने अपने ससुराल वालों पर घर से निकाल देने व टोनही कहकर प्रताड़ित किए जाने का आरोप लगाया है। चार माह से बच्चों से मिलने नहीं दिए जाने पर उन्होंने समाज से न्याय दिलाने की मांग की।
रविवार को समाज वालों ने बैठक भी की, पर कोई फैसला नहीं होने से दुखी होकर हेमंती ने देर शाम अपनी व्यथा मीडिया को बताई। हेमंती ने कहा कि उनके ससुर नंदकुमार साय, पति अरविंद साय और सास ने उसके साथ मारपीट की और तरह-तरह से प्रताड़ित किया। उन्हें चार महीने पहले घर से निकाल भी दिया गया। झारखंड के सिमडेगा जिला के चाड़री निवासी हेमंती की शादी 10 साल पहले जशपुर जिले के करियामुंडा गांव में अरविंद साय से हुई थी। उसके दो पुत्र वैभव एवं प्रभव हैं। हेमंती के मुताबिक विवाद के बाद उन्हें ससुराल वालों ने घर से निकाल दिया, पर बच्चों को अपने पास ही रख लिया।
हेमंती का साफतौर पर आरोप है कि उनके पति अरविंद अक्सर लड़कियों के साथ नहाने जाते हैं। मना करने पर उन्होंने पत्नी को पीटा और चाकू दिखाकर जान से मारने की धमकी दी। ससुरालवालों ने बहू को यह कहकर मायका भेज दिया कि एक हफ्ते में वापस ले आएंगे। पर काफी दिन बीत जाने के बाद जब वह बुलाने नहीं आए तो वह स्वयं ससुराल पहुंच गईं। लेकिन उसे घर में घुसने नहीं दिया गया और न ही बच्चों से मिलने दिया। टोनही कहकर भी उसे प्रताड़ित किया जाता रहा है।
इस संबंध में भाजपा सांसद नंदकुमार का कहना है कि यह कोई गंभीर मामला नहीं है। हमने अपनी बहू को किसी भी प्रकार से प्रताड़ित नहीं किया है। कुछ मानसिक परेशानी होने से वह मायके गई थी। सामाजिक बैठक में अचानक आवेदन के बारे में सुनकर मैं स्तब्ध हूं। आवेदन राजनीति से प्रेरित है। समाज जो तय करेगा मंजूर है।
उधर, कंवर समाजिक न्याय समिति के अध्यक्ष शोभन साय बड़ाइक का साफ कहना कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक प्रतिष्ठित व्यक्ति के परिवार से ऐसा मामला सामने आया है। उन्होंने कहा कि मां से बच्चों को अलग कर देना बहुत बड़ा पाप है। हम इसका विरोध करेंगे। समाज में कोई भेदभाव नहीं किया जाता है। दोषी पाए जाने पर बराबर सजा दी जाएगी। बहरहाल, मामला भाजपा के एक बड़े नेता से जुड़े होने के चलते इस पर सबकी नजर है, पर इस मामले के मिडिया में आने के बाद महिला आयोग और प्रशासन की चुप्पी समझ से परे है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, March 26, 2013, 19:45