Last Updated: Monday, October 22, 2012, 12:23
भोपाल: बाघों की तलाश भोपाल के निकटवर्ती करेवा, कलियासोत और कठौतिया के जंगलों में कल भी जारी रही। इसके लिए सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से लाए गए चार हाथियों की मदद ली जा रही है।
भोपाल वन मण्डलाधिकारी एल. कृष्णमूर्ति ने आज यहां बताया कि चार हाथियों की मदद से इन इलाकों में बाघों की तलाश का काम कल भी जारी रहा। इस दौरान तीन स्थानों पर बाघ देखा गया।
सुरक्षा के लिहाज से उन्होंने इनके स्थानों का खुलासा नहीं किया। उन्होंने कहा कि अभी सिर्फ बाघों की निगरानी का काम किया जा रहा है, इन्हें पकड़ने का कोई प्रयत्न नहीं किया जा रहा है।
वन विभाग के सूत्रों ने बताया कि कठौतिया के जंगल में कल एक नए बाघ के पदचिन्ह देखे गये। इस जवान बाघ की उम्र पांच से सात वर्ष है। पिछले रविवार बाघों की तलाश के लिए छह हाथी सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से भोपाल लाए गए थे। इनमें से मोहिनी नामक हथिनी की मौत गत गुरूवार बीमारी के कारण हो गई थी।। इसके बाद तलाश का काम पांच हाथियों द्वारा किया गया।
सूत्रों का कहना है कि गत शनिवार सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की ही एक हथिनी स्मिता की तबीयत में भी सुधार नहीं होने पर इसे एहतियातन वापस भेज दिया गया है।
कृष्णमूर्ति ने कहा, ‘चार हाथियों की मदद से भोपाल के निकट केरवा, कालियासोत एवं कठौतिया के जंगल में बाघों की तलाश का काम जारी रहा। साथ ही कान्हा राष्ट्रीय उद्यान से भी दो हाथियों की आमद हो गई है। कल ही इनके स्वास्थ्य का परीक्षण किया गया और आज से इन्हें तलाशी के काम पर लगाया जाएगा। (एजेंसी)
First Published: Monday, October 22, 2012, 12:23