Last Updated: Saturday, December 31, 2011, 09:31
हाथरस: उत्तर प्रदेश के उर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय ने राज्य के लोकायुक्त न्यायमूर्ति एन के मेहरोत्रा के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा कि अगर वह चाहते तो लोकायुक्त को पद से हटवा देते।
लोकायुक्त ने इसे व्यक्तिगत नहीं बल्कि बसपा का हमला करार देते हुए कहा है कि चुनाव आयोग को इसका संज्ञान लेना चाहिये।
उपाध्याय ने रात हाथरस में एक जनसभा में कहा ‘भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मंत्री किरीट सोमैय्या की शिकायत पर लोकायुक्त ने मेरे खिलाफ जांच की लेकिन उसमें कुछ नहीं मिला। अगर लोकायुक्त से मेरे व्यक्तिगत सम्बन्ध नहीं होते तो मैं सुप्रीम कोर्ट जाकर उन्हें हटवा देता।’
उन्होंने कहा ‘वह लोकायुक्त हाईकोर्ट का जज रहा है। मैंने कहा कि मैं उससे मिलना चाहता हूं तो उसने कहा कि आपको अपने कार्यालय बुलाने की मेरी औकात नहीं है इसलिये आप मेरे घर आइये। मैंने कहा कि मैं आउंगा ही नहीं। अगर तुम मुझे मुल्जिम समझते हो तो भी नहीं आउंगा।’
उपाध्याय ने कहा कि मैंने उसको दो घंटे तक समझाया और बताया भी कि तुम क्या हो और हम क्या हैं। तुम क्या कर सकते हो और हम क्या कर सकते हैं। मैं कानून का छात्र रहा हूं और तुमसे ज्यादा पढ़ा हूं।
गौरतलब है कि लोकायुक्त की सिफारिश पर प्रदेश सरकार के पांच मंत्री बर्खास्त किये जा चुके हैं। लोकायुक्त ने भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री सोमैया की शिकायत पर उपाध्याय के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों में जांच शुरू की है। इस वक्त उनके विरुद्ध दो मामलों में तफ्तीश की जा रही है। उधर, लोकायुक्त ने उपाध्याय के बयान के जवाब में कहा है कि यह टिप्पणी विधानसभा चुनाव में फायदा लेने के लिये की गयी है और चुनाव आयोग को इसका संज्ञान लेना चाहिये।
उन्होंने कहा कि कानून में ऐसा प्रावधान है जिसके तहत वह इस प्रकरण की शिकायत सक्षम मजिस्ट्रेट से कर सकते हैं लेकिन चूंकि उपाध्याय इससे लाभान्वित होना चाहते होंगे इसलिये कार्रवाई का अभी कोई विचार नहीं है। लोकायुक्त ने कहा कि उपाध्याय का यह बयान व्यक्तिगत नहीं बल्कि पार्टी की कार्रवाई है और जनता चुनाव में उपाध्याय को सबक सिखाएगी।
(एजेंसी)
First Published: Saturday, December 31, 2011, 15:05