Last Updated: Monday, August 20, 2012, 14:35

चेन्नई : तमिलनाडु के मछुआरों पर श्रीलंकाई नौसेना द्वारा हमलों के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर नरमी बरतने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री जयललिता ने सोमवार को कहा कि केंद्र को सुनिश्चित करना चाहिए कि मछुआरों का उत्पीड़न नहीं हो।
जयललिता ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखे पत्र में कहा कि भारत सरकार द्वारा मुद्दे से नरम तरीके से निपटने से उत्साहित श्रीलंकाई नौसेना दंड से छूट के साथ तमिलनाडु के मछुआरों पर हमला कर रही है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों की राजनयिक स्तर की बैठकों के बाद आये बयानों में कही गई, ‘मछुआरों पर बल प्रयोग को किसी भी तरह से जायज नहीं ठहराये जाने की बात’ केवल कागजों पर है और श्रीलंकाई सेना इसे बड़े आराम से तोड़ती है।
जयललिता ने कल तमिलनाडु के अरुकट्टूथुरई के पास समुद्र में मछुआरों द्वारा डाले गये जाल को कथित तौर पर श्रीलंकाई नौसेनिकों द्वारा जबरदस्ती ले जाने की ताजा घटना का जिक्र करते हुए कहा कि श्रीलंका की नौसेना की गतिविधि पूरी राजनयिक प्रक्रिया का मजाक बनाते हुए दिखाई देती है।
उन्होंने कहा कि यह घटना श्रीलंकाई नौसेना के जवानों की करतूतों का एक और मामला है जो तमिलनाडु के गरीब तथा निर्दोष मछुआरों पर निशाना साधे हुए हैं जबकि वे मछली पकड़कर अपना गुजारा करने की जद्दोजहद में लगे हुए हैं। जयललिता ने प्रधानमंत्री को लिखे एक पहले पत्र का जिक्र करते हुए केंद्र के हस्तक्षेप की मांग की।
उन्होंने कहा कि मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि कृपया इस मुद्दे को सख्ती के साथ श्रीलंकाई सरकार के साथ उठाएं और सुनिश्चित करें कि श्रीलंकाई नौसेना को भारतीय मछुआरों के उत्पीड़न से रोका जाए। (एजेंसी)
First Published: Monday, August 20, 2012, 14:35