Last Updated: Friday, January 27, 2012, 11:31
इम्फाल : बंद व उग्रवाद से जूझ रहे मणिपुर में विधानसभा की सभी 60 सीटों के लिए मतदान शनिवार को हैं। इसके लिए 14 महिलाओं सहित 279 उम्मीदवार मैदान में हैं। राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए 2,337 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जहां एक लाख 70 हजार मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। इस बार चुनाव का प्रमुख मुद्दा पिछले साल 120 दिन तक रहा बंद है, जिससे लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
सत्तारूढ़ कांग्रेस जहां लगातार तीसरी बार सत्ता में आने की कोशिश में जुटी है, वहीं विपक्ष ने भी कांग्रेस को सत्ता में आने से रोकने के लिए पांच दलों का एक गठबंधन पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट (पीडीएफ) तैयार किया है। इसमें मणिपुर पीपुल्स पार्टी (एमपीपी), राष्ट्रीय जनता दल (राजद), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), जनता दल (युनाइटेड) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) शामिल है।
एमपीपी का उन विधानसभा क्षेत्रों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ भी सीटों के लिए तालमेल हो गया है, जहां गठबंधन के दल चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और तृणमूल कांग्रेस ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है। कांग्रेस हालांकि जीत को लेकर आश्वस्त है, लेकिन यह अपनी सरकार द्वारा सात उग्रवादी संगठनों पर लगाए प्रतिबंध को लेकर 'चिंतित' भी है। उग्रवादियों ने भी कांग्रेस प्रत्याशियों, नेताओं तथा समर्थकों पर बमों व हथगोलों से हमले किए।
कांग्रेस के लिए हालांकि मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह फायदेमंद साबित हो सकते हैं। वर्ष 2007 में इबोबी सिंह राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने और अस्थिरता से जूझ रहे पूर्वोत्तर के इस राज्य को स्थिर सरकार दी। लेकिन उनकी सरकार को सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम (एएफएसपीए) तथा पुलिस द्वारा फर्जी मुठभेड़ में एक सुधरे हुए उग्रवादी और एक गर्भवती महिला को मार गिराए जाने के कारण विरोध भी झेलना पड़ा।
(एजेंसी)
First Published: Friday, January 27, 2012, 17:35